एक समाचार चैनल को दिए साक्षात्कर के दौरान श्रीकांत ने कहा कि शॉर्ट पिच गेंदों के सामने घुटने टेकना बहुत बड़ी कमी है लेकिन इससे निजात पाना कठिन नहीं है। बकौल चयन प्रमुख, हमें यह स्वीकार करना चाहिए कि हमारे बल्लेबाज शॉर्ट पिच गेंदों के सामने असहाय नजर आए लेकिन यह ऐसी कमी नहीं, जिसे सुधारा ही नहीं जा सकता। अच्छी बात यह है कि समय रहते यह कमी सामने आ गई। मुझे यकीन है कि हमारे खिलाड़ी इस कमी पर भी जीत हासिल कर लेंगे।विश्व कप से टीम की असमय विदाई को लेकर श्रीकांत ने कहा कि इस हार ने भारतीय खिलाड़ियों को कई चीजें सिखाई हैं। श्रीकांत ने कहा, 2007 के 50-50 विश्व कप में मिली निराशाजनक विदाई के बाद हमने सितंबर में ट्वेंटी-20 विश्व कप का खिताब जीता था। इससे साबित होता है कि हार के बाद ही जीत मिलती है। इस हार ने निसंदेह खिलाड़ियों को काफी कुछ सिखाया है और मुझे यकीन है कि आने वाले दिनों में उनका खेल और अधिक निखरेगा क्योंकि उन्हें अभी काफी लंबा रास्ता तय करना है।इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।