15 साल के युवा भारतीय गोल्फर अर्जुन भाटी
इसी बीच 15 साल के युवा भारतीय गोल्फर अर्जुन भाटी ने 4.30 लाख रुपये दान किए हैं। लेकिन 15 वर्षीय इस खिलाड़ी ने जो काम किया है उसकी तुलना पैसे से कभी भी नहीं हो सकती है।
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भाटी ने इस पैसे को जुटाने के लिए अपनी सभी ट्रॉफियां बेंच दी हैं, जिसमें 3 विश्व गोल्फ चैम्पियनशिप खिताब और राष्ट्रीय चैम्पियनशिप शामिल हैं। अपनी उपलब्धियों की प्रतीक इस ट्रॉफियों को बेंचकर उन्होंने प्रधानमंत्री की नागरिक सहायता और आपातकालीन स्थिति (पीएम-केयर) फंड में राहत के लिए धन जुटाने के लिए राशि दान कर दी है।
अपनी सारी ट्रॉफियां कोविड-19 के लिए कर दी दान
ग्रेटर नोएडा के रहने वाले भाटी ने खुलासा किया कि उन्होंने पैसे जुटाने के लिए अपने सभी ट्रॉफी अपने रिश्तेदारों और अपने माता-पिता के दोस्तों को बेच दी।
इस बारे में बात करते हुए भाटी ने कहा "जैसा कि आप सभी जानते हैं, हमारा देश कठिन समय से गुज़र रहा है, एक कठिन स्थिति पैदा हो गई है। मैं चाहूंगा कि आप सभी देश की मदद करने में आगे आएं। जो भी क्षमता हो, उसमें अपना योगदान दें।
102 ट्रॉफियों से जुटाई इतनी रकम-
"पिछले 8 वर्षों में, मैंने 102 ट्राफियां जीती थीं, मैंने उन्हें कुछ पैसे पाने के लिए दिया था और अब मैंने पीएम-कार्स फंड में 4 लाख और 30 हजार रुपये का योगदान दिया है। मैं चाहूंगा कि हर कोई इस समय का उपयोग करें और घर में रहे। "भाटी ने कहा।
"मैं कोविद -19 के खिलाफ भारत की लड़ाई में अपना थोड़ा सा काम करना चाहता था। चूँकि मेरी खुद की कोई कमाई नहीं है, मैंने अपनी ट्राफियां बेचने का फैसला किया। ट्राफियां बाद में जीती जा सकती हैं, लेकिन जब मेरा देश जरूरतमंद हो तो मैं बेकार नहीं बैठ सकता।"
'दादी रोई फिर बोली तू सच में अर्जुन है'
भाटी ने इस बात की जानकारी ट्वीट करके भी दी है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा- "आपको 8 साल में जो देश,विदेश से जीतकर कमाई हुई 102 ट्रोफ़ी देश संकट के समय मैंने 102 लोगों को दे दी,उनसे आए हुए कुल-4,30,000-Rs आज PM Care Fund में देश की मदद को दिए,ये सुनकर दादी रोई फिर बोली तू सच में अर्जुन है,आज देश के लोग बचने चाहिए ट्रोफ़ी तो फिर आ जाएँगी।
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सेना में थे दादा जी, दादी ने दान की 1 साल की पेंशन
इससे पहले अर्जुन ने अपनी दादी को लेकर एक भावुक पोस्ट भी किया था जिसमें उन्होंने लिखा था-
"दादी भावुक होकर बोली अर्जुन देश ने बहुत दिनों तक मदद की है दादा जी सेना में थे 2005 के बाद से दादी को ही उनकी पेंशन मिल रही है,बोली मुझे भी देश के लिए कुछ करना है देश आज मुसीबत में है,मेरी 1 साल की पेंशन-206148-जो है ये मोदी जी को आज ही भेजो,मैं प्रार्थना करती हुँ"
भाटी ने कहा, "मेरे माता-पिता और मेरे माता-पिता के दोस्तों ने उन्हें खरीदा है। हालांकि, ट्राफियां अभी भी मेरे घर पर हैं। लॉकडाउन हटने के बाद मैं उन्हें भेजू दूंगा।"