विजयवाड़ा। पांच वर्षीय डॉली शिवानी चेरुकुरी को भारतीय तीरंदाजी जगत पहले से ही एक वंडर गर्ल के रूप में जान चुका है। शिवानी इतनी चर्चित हैं कि प्रसिद्ध अमेरिकी फिल्म निर्माण कंपनी वॉल्ट डिजनी ने उन पर 21 मिनट की एक डॉक्यूमेंट्री बनाई है।
शिवानी ने अपने पिता और कोच सत्यनारायण चेरुकुरी से तीरंदाजी सीखना शुरू किया। शिवानी के पिता ने अपने पुत्र वोल्गा की आसमायिक मृत्यू पर उसके नाम से विजयवाड़ा में एक तीरंदाजी अकादमी की स्थापना की थी। वहीं से शिवानी ने भी तीरंदाजी सीखना शुरू किया।
सत्यनारायण के बेटे लेनिन ने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में पदक जीते और एक योग्य प्रशिक्षक के रूप में जूनियर भारतीय टीम में शामिल होने वाले पहले भारतीय तीरंदाज बने थे। हालांकि उनकी भी मृत्यू 2010 में एक कार दुर्घटना में हो गई थी।
विजयवाड़ा से बात करते हुए सत्यनारायण ने कहा, "शिवानी भगवान का आशीर्वाद है। उसने 1 वर्ष की उम्र में ही तीर चलाना करना शुरू कर दिया था। उसके जन्म के तुरंत बाद मैंने पोलैंड से धनुष और तीर मंगाया। 2 साल की उम्र में शिवानी उस धनुष और तीरों से अभ्यास करती थी।" शिवानी ने 10 मीटर की दूरी से 11 मिनट 19 सेकेंड में 103 तीर दागकर सनसनी पैदा की थी। यहां तक कि उसके आधे घंटे बाद शिवानी ने 20 मीटर की दूरी से पांच मिनट आठ सेकेंड में 36 तीर कमान से छोड़े थे।
इस वर्ष उसने अंडर-9 तीरंदाजी राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता है। इस साल के शुरूआत में अपनी पहली अंतरराष्ट्रीय यात्रा के दौरान एशियाई युवा कप में शिवानी ने रिकर्व सेक्शन में 17वां स्थान हासिल किया था।
दिलचस्प बात यह है कि अब 5 वर्षीय सनसनी शिवानी 30 मीटर की दूरी का प्रशिक्षण ले रहीं है। उनके पिता और कोच सत्यनारायण के अनुसार उनकी बेटी 30 मीटर की दूरी पर लगभग 400 अंक हासिल कर चुकी है।
सत्यनारायण का कहना है कि- "उसका लक्ष्य अब 30 मीटर की दूरी के भीतर 15 मिनट में 100 तीर फेंकना है। वह अब हमारी अकादमी के मुख्य कोच चंद्रशेखर के अंडर में ट्रेनिंग करती है। मैंने देखा है कि वह (शिवानी) अकादमी में सीनियर धनुर्धारियों की गलतियों को भी सुधारती हैं।"
Commend Baby Dolly Shivani Cherukuri for firing 103 arrows at a target 10 feet away in just 11 minutes, setting India, Asia Book of Records. pic.twitter.com/qDmsrVai3S
— VicePresidentOfIndia (@VPSecretariat) September 11, 2017
शिवानी के पिता का लक्ष्य अब उसे विश्व इंडोर आर्चरी गेम्स और कैडेट वर्ल्ड चैम्पियनशिप तक ले जाना है। ये दोनों टूर्नामेंट अगले साल होने जा रहे हैं यही कारण है कि शिवानी 50 मीटर की दूरी से भी अभ्यास कर रही है। सत्यनारायण की उम्मीद है कि शिवानी 2024 ओलंपिक में भारतीय टीम में शामिल हो सकेगी।