हालांकि अर्जेंटीना के स्टार स्ट्राइकर लियोनल मेसी को गोल्डन बॉल के साथ ही टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया। मेसी डियेगो मैराडोना के बाद इस पुरस्कार को हासिल करने वाले दूसरे अर्जेंटीनी फुटबॉलर हैं।
मैराडोना को वर्ष 1986 के वर्ल्ड कप टूर्नामेंट में यह खिताब दिया गया था। यह भी सच है कि गोल्डन बॉल का यह खिताब भी मेसी के हार के दर्द को कम नहीं कर सकता है।
अगर अर्जेंटीना वर्ल्ड कप जीत लेता तो मेसी डिएगो मैराडोना के बाद अर्जेंटीना के महान खिलाड़ी बन सकते थे। मेसी वर्ल्ड कप में चार बार मैन ऑफ द मैच रहे और फाइनल में उनसे लोगों की उम्मीदें काफी बढ़ गई थीं।
मेसी ने गोल्डन बॉल के पुरस्कार की दौड़ में जर्मनी के थामस मुलर और नीदरलैंड के अर्जेन रोबेन को पीछे छोड़ा। उन्होंने टूर्नामेंट में चार गोल किये।
कोलंबिया के स्ट्राइकर जेम्स रोड्रिग्स ने टूर्नामेंट में सर्वाधिक छह गोल किये और उन्हें गोल्डन बूट पुरस्कार मिला। मुलर पांच गोल करके दूसरे स्थान पर रहे। जर्मनी के गोलकीपर मैनुएल नेयुर को सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर को दिया जाने वाल गोल्डन ग्लोव पुरस्कार मिला।
उन्होंने इस दौड़ में अर्जेंटीना के सर्जियो रोमेरो और कोस्टारिका के केलोर नवास को पीछे छोड़ा। फ्रांस के पाल पोग्बा को टूर्नामेंट का युवा खिलाड़ी जबकि कोलंबिया ने फेयरप्ले पुरस्कार हासिल किया।