नई दिल्ली। दो बार के ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार मुश्किल में हैं। 23 वर्षीय पहलमान पहलवान सागर धनखड़ की माैत के पीछे उन्हें मुख्य कारण माना जा रहा है, जिसके चलते सुशील फरार भी चल रहे हैं। अब मृतक के परिवार ने मामले पर दुख प्रकट करते हुए सुशील कुमार पर सवाल उठाए हैं। सागर के परिवार का कहना है कि अगर उनके बेटे की कोई गलती थी तो सुशील उसे थप्पड़ ही मार लेते।
पूर्व जूनियर राष्ट्रीय चैंपियन सागर ने 5 मई को अंतिम सांस ली, जबकि उनके दो दोस्त 4 मई को दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम परिसर में सुशील कुमार और कुछ अन्य पहलवानों द्वारा कथित रूप से मारपीट करने के बाद घायल हो गए। सागर की मौत के बाद से सुशील कुमार हत्या, अपहरण और आपराधिक साजिश की प्राथमिकी में नामजद होने के बाद से लापता है। दिल्ली पुलिस अभी भी सुशील की भूमिका का पता लगाने की कोशिश कर रही है, जिसके बारे में माना जाता है कि वह हरियाणा में कहीं छिपा है।
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गुरूओं को निराश नहीं करना चाहता था सागर
सागर के पिता अशोक ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा, "सागर लगभग आठ वर्षों से छत्रसाल में था। वह सुशील को अपना गुरु मानता था। मैंने अपने बेटे को छत्रसाल अखाड़ा चलाने वाले महाबली सतपाल को सौंप दिया था। उन्होंने उसे एक अच्छा पहलवान बनाने का वादा किया था।'' उन्होंने कहा, "मेरे बेटे ने पदक जीते हैं और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। उसे छत्रसाल का हिस्सा होने पर गर्व था। सागर ने ट्रेनिंग का एक भी दिन नहीं छोड़ा। वह अपने गुरूओं को निराश नहीं करना चाहता था।"
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कुछ किया था तो उसे थप्पड़ मार लेते
छत्रसाल स्टेडियम में ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (ओएसडी) के पद पर तैनात सुशील के खिलाफ पुलिस ने लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) जारी किया है। पुलिस ने कहा कि पीड़ितों ने आरोप लगाया है कि सुशील और उसके साथियों ने सागर को मॉडल टाउन में उसके घर से अगवा किया ताकि उसे अन्य पहलवानों के साथ गाली-गलौज करने का सबक सिखाया जा सके। इसपर अशोक ने सुशील कुमार पर बोलते हुए कहा, "अगर सागर ने कुछ गलत किया, तो वे उसे थप्पड़ मार सकते थे या फिर छत्रसाल से बाहर निकाल सकते थे।''
सुशील को करना चाहिए था फोन
वहीं सागर के चाचा नरेंद्र धनखड़ ने कहा, "सुशील को मुझे या उसके पिता को फोन करना चाहिए था और हमें बताना चाहिए था कि वह क्या कर रहा है और इसे क्यों बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।'' छत्रसाल स्टेडियम की छवि, जिसने भारत को सुशील, योगेश्वर दत्त, बजरंग पुनिया और अब टोक्यो जाने वाले रवि दहिया और दीपक पुनिया जैसे बेहतरीन पहलवान दिए हैं, ने इस घटना के बाद एक बड़ी हलचल मचाई है, जो उस समय आई है जब भारतीय कुश्ती ओलंपिक के लिए तैयारी कर रहा है।