इधर भारत इस टूर्नामेंट में 27 साल बाद हिस्सा ले रहा है.भारतीय कप्तान बाइचुंग भूटिया चोट से परेशान रहे हैं और इन हालात में वो टीम में होंगे भी या नहीं ये अभी तय नहीं है.एशिया कप की तैयारी के दौरान खेले गए नौ अंतरराष्ट्रीय मैचों में से सात में भारत को हार मिली है.इस टूर्नामेंट में जाने के कुछ ही दिन पहले जिस तरह भारतीय टीम के मैनेजर प्रदीप चौधरी ने इस्तीफ़ा दिया था उसके बाद टीम के मनोबल पर भी उसका असर पड़ने की संभावना है.कोच बॉब हाउटन के साथ मतभेदों के चलते उन्होंने इस्तीफ़ा दिया था. भारत का पहला मैच 10 जनवरी को ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध है.
भारतीय प्रदर्शन
इस टूर्नामेंट में 16 टीमें हिस्सा ले रही हैं उनमें भारत की ही फ़ीफ़ा रैंकिंग सबसे नीचे 142वीं है और विश्लेषक इस टीम को अगले दौर के लिए क्वालिफ़ाई करता नहीं देख रहे हैं.भारत के ग्रुप में शामिल ऑस्ट्रेलिया सबसे ऊँची रैंकिंग वाली टीम है. उसकी रैंकिंग 26वीं है जबकि दक्षिण कोरिया की 40वीं है.भारत 1964 में हुए टूर्नामेंट में रनर अप रहा था जबकि इसराइल में छह टीमों ने हिस्सा लिया था.इससे पहले आख़िर बार भारत ने 1984 के एशिया कप में हिस्सा लिया था मगर कोई ख़ास प्रदर्शन नहीं हुआ था.
टूर्नामेंट के पहले मैच में मेज़बान क़तर का मुक़ाबला उज़बेकिस्तान से होगा.उज़बेकिस्तान के स्ट्राइकर एलेक्ज़ेंडर गेनरिख 28 अंतरराष्ट्रीय मुक़ाबलों में 11 गोल कर चुके हैं और उनका मानना है कि उज़बेकिस्तान मेज़बान टीम को हराने में क़ामयाब हो सकता है.उनकी टीम पिछले दो बार के टूर्नामेंट में क्वॉर्टर फ़ाइनल तक पहुँची है मगर घरेलू दर्शकों के सामने क़तर पर भी अच्छे प्रदर्शन का दबाव होगा.क़तर की टीम पिछले 31 वर्षों में आज तक एक ही बार ग्रुप स्टेज से आगे तक पहुँची है जब 2000 में वे क्वॉर्टर फ़ाइनल तक पहुँचे थे.