केरल के जिनसन जॉनसन ने 1500 मीटर में जीता गोल्ड:
हवा की रफ्तार से दौड़ने वाले भारतीय एथलीट जिनसन जॉनसन ने 18वें एशियाई खेलों के 12वें दिन पुरुषों के 1500 मीटर इवेंट में भारत को गोल्ड दिलाया। जिनसन ने तीन मिनट 44.72 सेकंड का समय निकाल कर यह मेडल अपने नाम किया। भारत के ही मनजीत इस रेस में चौथे स्थान पर रह गए। जिनसन जॉनसन केरल के चक्कीत्तापरा के रहने वाले हैं।इससे पहले जिनसन जॉनसन ने जयपुर के श्रीराम सिंह का 42 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा दिया है। जॉनसन ने इंटर स्टेट एथलेटिक्स मीट में 800 मी. रेस 1 मिनट 45.65 सैकंड में पूरी की और नेशनल रिकॉर्ड कायम किया। इससे पहले यह रिकॉर्ड जयपुर के श्रीराम सिंह के नाम था। श्रीराम सिंह ने 1976 के ओलिंपिक खेलों में 1 मिनट 45.77 सै. में यह दूरी तय की थी।
कुश्ती में विनेश ने जीता सोना:
दंगल' वाले फोगाट परिवार से ताल्लुक रखने वाली विनेश फोगाट ने 50 किलोग्राम वर्ग के फाइनल मुकाबले में अपनी जापानी प्रतिद्वंद्वी यूकी इरीए को 6-2 से हराकर स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया। उन्होंने यह मुकाबला जीतते ही इतिहास रच दिया और एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने वाली भारत की पहली महिला पहलवान बन गईं। वह हरियाणा की रहने वाली हैं।उनका जन्म बलाली में हुआ।
16 साल के सौरभ ने सोने पर साधा निशाना:
निशानेबाजी की 10 मीटर एयर पिस्टल प्रतिस्पर्धा में भारत के सौरभ चौधरी ने स्वर्ण पदक जीतकर सनसनी मचा दी। अपने पहले ही एशियाड में उन्होंने इस खेल के इतिहास में अपना नाम स्वर्णिम अक्षरों में अंकित करवा लिया। सौरभ यूपी के मेरठ से आते हैं।
महाराष्ट्र की राही जीवन:
राही सरनोबत का जन्म 30 अक्टूबर 1990 महाराष्ट्र के कोल्हापुर में हुआ।राही सरनोबत ने शूटिंग में भारत के लिए दूसरा स्वर्ण पदक जीता।राही ने 2014 के एशियाई खेलों में कांस्य पदक हासिल किया था। राष्ट्रमंडल खेलों में वो अब तक तीन बार पदक जीत चुकी हैं। 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों में दो इवेंट में से एक में उन्होंने स्वर्ण पदक जीता था और दूसरे में रजत पदक।
पहलवान बजरंग :
65 किलोग्राम वर्ग के फ्रीस्टाइल कुश्ती में फाइनल की जंग ऐसी लग रही थी जैसे नेवले और सांप की लड़ाई हो और परिणाम तय हो। हरियाणा के इस खिलाड़ी ने फाइनल में जापान के दईची तकतानी को 11-8 से मात दी और भारत को एशियाड-2018 का पहला गोल्ड मेडल दिलाया।
पंजाब के तजिंदर का धमाल:
तजिंदर पाल सिंह तूर ने मेन्स शॉट पुट में गोल्ड मेडल जीत भारत की झोली में एशियाड का सातवां गोल्ड डाला। उन्होंने एशियन गेम्स के सातवें दिन यह उपलब्धि हासिल की। पंजाब के तजिंदर शुरुआती दिनों में एक क्रिकेटर बनना चाहते थे लेकिन, किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। पिता के कहने पर उन्होंने शॉटपुट खेलना शुरू किया और ये उनकी जिंदगी का सबसे अच्छा निर्णय साबित हुआ।
हरियाणवी छोरे नीरज का कमाल:
हरियाणा के नीरज अब परिचय के मोहताज नहीं रह गए हैं।एशियाड में 9वें दिन नीरज चोपड़ा ने भारत को 8वां गोल्ड मेडल दिलाया। 20 वर्षीय नीरज एशियन गेम्स की जैवलिन थ्रो स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीतने वाले पहले भारतीय बने। उन्होंने अपना करियर बेस्ट रिकॉर्ड तोड़कर एशियाड में गोल्ड जीता।
हरियाणा के मंजीत सिंह प्रेरणा के सागर:
एशियाड के खेल में स्वर्ण जीतने वाले हरियाणा के जींद निवासी मंजीत सिंह खेल के प्रति त्याग और समर्पण की वजह से पिछले 6 महीने से घर से बाहर रहे। उन्होंने 5 महीने पहले जन्मे अपने बच्चे को न गोद में लिया और न उसका दीदार किया। ONGC ने ओलंपिक में मेडल ने जीत पाने की वजह से उनसे नौकरी छीन ली तो उनके पास इतने भी पैसे नहीं बचे थे कि वो ट्रेनिंग का 30 हजार प्रति माह का खर्च उठा सकें। मोबाइल में अपने बेटे की तस्वीर को वॉलपेपर बनाए मंजीत ने अपने कोच से वादा किया था कि घर मेडल लेकर लौटूंगा।
पंजाब के अरपिंदर को सोनीपत में मिली राह:
एशियाड के ट्रिपल जंप के भारतीय इतिहास में अरपिंदर सिंह ने गोल्डन छलांग लगाई। साल 2014 में इन्होंने लखनऊ में 17.17 मीटर की छलांग लगाकर नेशनल रिकॉर्ड बनाया था और खूब सुर्खियां बटोरी थी। अरपिंदर के पिता जगबीर सिंह (रिटायर्ड हवलदार) इन्हें धावक बनाना चाहते थे लेकिन इनकी टांगें भारी होने की वजह से कोच ने इन्हें किसी और एथलेटिक्स को अपना करियर बनाने की सलाह दी।
पश्चिम बंगाल से सोने का सपना लेकर आई स्वप्ना बर्मन:
एशियन गेम्स के हेप्टाथलॉन में पहली बार भारत को गोल्ड मिला है लेकिन 21 साल की स्वप्ना ने एशियाड के एथलेटिक्स में भारत के लिए एक नया इतिहास लिख दिया है। स्वप्ना ने फाइनल में 6026 अंक हासिल किए थे, उनके जबड़े में चोट लगी लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।
असम की हिमा दास:
असम की हिमा दास अब जाना पहचाना नाम है। 28 अगस्त को हुए 200 मीटर दौड़ के मुकाबले में उन्हें निराशा हाथ लगी और गन-शॉर्ट से पहले दौड़ जाने की वजह से वो छट गईं लेकिन एशियाड के 12वें दिन उन्होंने 4X400 रिले में स्वर्ण जीतने में अपनी टीम में सबसे अहम भूमिका निभाई और हिरण की तरह सरपट भागते हुए फर्स्ट लैप में ही अपने प्रतिद्वंदी को 30 मीटर के फासले से पीछे छोड़ा और उनकी टीम ने स्वर्ण पदक जीता।
नौकायन में गोल्ड:
18वें एशियाई खेलों में कुल 572 भारतीय एथलीटों ने शिरकत की लेकिन कुछ खिलाड़ियों को मेडल मिले तो बांकी खाली हाथ वापस आ गए। किसी ने शायद ही इस बात की उम्मीद थी रोइंग प्रतिस्पर्धा में भारत को गोल मेडल मिलेगा। भारतीय रोअर सवर्ण सिंह, दत्तू भोकानल, ओम प्रकाश और सुखमीत सिंह की चौकड़ी ने यह कमाल किया और 6 मिनट17.13 में गोल्ड मेडल जीता। इंडोनेशिया के प्रतिभागी 6 मिनट 20.58 के साथ दूसरे और थाईलैंड (6:22.41) तीसरे नंबर पर रहे। एशियाड इतिहास में यह रोइंग स्पर्धा में भारत का दूसरा स्वर्ण था।दत्त महाराष्ट्र के रहने वाले हैं।
हरियाणा के अमित पंघल:
एशियाड में हरियाणा के अमित पंघल एकलौता ऐसा नाम हैं जिन्होंने बॉक्सिंग में गोल्ड मेडल जीता। वो इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचने वाले एक मात्र भारतीय मुक्केबाज थे सेमीफाइनल बाउट में अमित ने फिलीपींस के कार्लो पालम को कांटे की टक्कर में हराकर फाइनल में जगह बनाई। उन्होंने यह मुकाबला 3-2 के अंतर से जीता। एशियाई खेलों के 49 किलोग्राम भार वर्ग की श्रेणी में अमित का मुकाबला उज्बेकिस्तान के धाकड़ बॉक्सर हसनबॉय दस्तमास्तोव को पटखनी दे इतिहास रच दिया।
हावड़ा और जाधवपुर की जोड़ी को गोल्ड:
ब्रिज प्रतियोगिता (ताश के खेल के एक प्रारूप) में भारत के 60 वर्षीय प्रणब बर्धन और 56 साल के शिवनाथ सरकार ने गोल्ड मेडल हासिल किया। एशियन गेम्स के 14वें दिन यह भारत का 15वां गोल्ड मेडल था।
दिल्ली और कर्नाटक की जोड़ी ने दिलाया गोल्ड:
एशियाड के टेनिस डबल्स मुकाबले में रोहन बोपन्ना और दिविज शरण ने भारत को गोल्ड मेडल दिलाया। भारत की इस शीर्ष वरीयता प्राप्त जोड़ी ने कज़ाकिस्तान के अलेक्जेंडर बुब्लिक और डेनिस येवसेयेव को 52 मिनट हराकर भारत के लिए गोल्ड जीता। रोहन बोपन्ना कर्नाटक के बैंगलोर के रहने वाले हैं।जबकि दिविज शरण दिल्ली के निवासी हैं।