लखनऊ। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि देश के एथलीट के साथ हमेशा दोहरा बर्ताव हुआ है। भारत में इतिहास गवाह है कि देश के कई होनहार एथलीटों को लोगों के अपमान का शिकार होना पड़ता है। ताजा मामला देश के लिए एशियाड में स्वर्ण जीतने वाली सुधा सिंह के साथ सामने आया है। भारतीय धावक सुधा सिंह राज्य के खेल अधिकारियों के रवैये से दुखी होकर शनिवार को एक महिला दौड़ प्रतियोगिता को बीच में ही छोड़कर चली गईं। सुधा ने अधिकारियों पर प्रतियोगिता के दौरान नजरअंदाज करने का आरोप लगाया।पढ़े : फ़ोटो खिंची तो पता चला तो मैं जीत गई हूं : सुधा सिंहमहीवार महिला महाविद्यालय की तरफ से चारबाग स्टेडियम में आयोजित महिला क्रास कंट्री दौड़ प्रतियोगिता में प्रतियोगियों का उत्साह बढ़ाने के लिए सुधा को मेहमान के तौर पर आमंत्रित किया गया था और राज्य के खेल मंत्री अयोध्या प्रसाद पाल को हरी झंडी दिखाकर प्रतियोगिता की शुरुआत करनी थी। प्रतियोगिता बीच में ही छोड़कर के.डी. सिंह बाबू स्टेडियम पहुंची सुधा ने संवाददाताओं से कहा, मुझे पूरी तरह से वहां नजरअंदाज किया गया। मुझे प्रतियोगियों का उत्साहवर्धन करने के लिए उनके पास नहीं जाने दिया गया। इस रवैये से मैं बहुत दुखी हूं, खासकर तब जब गृह राज्य में मेरे साथ ऐसा बर्ताव हुआ है।सुधा ने कहा, मैने खेल मंत्री से मिलने का प्रयास किया लेकिन किसी ने मुझे उनसे मिलवाने की कोशिश नहीं की और मेरी तरफ किसी ने ध्यान नहीं दिया।सूत्रों के मुताबिक सुबह सात बजे प्रारंभ होने वाली दौड़ प्रतियोगिता को खेल मंत्री ने करीब एक घंटे बाद हरी झंडी दिखाकर शुरू किया। आपको बता दें कि सुधा ने हाल ही में चीन में संपन्न हुए एशियाई खेलों में 3000 मीटर स्टेपल महिला दौड़ प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता था। उल्लेखनीय है कि सुधा ने हाल ही में चीन में संपन्न हुए एशियाई खेलों में 3000 मीटर स्टेपल महिला दौड़ प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता था। आपको बता दें कि इससे पहले इसी तरह का वाक्या भारतीय एथलीट पीटी उषा के साथ हुआ था।