नई दिल्ली। आखिरकार भारतीय स्टार पहलवान बजरंग पुनिया का वो सपना पूरा हो चुका है जिसके लिए उन्होंने पीछे 2 वर्षों से कड़ी मेहनत की। पुनिया को इस साल राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा। पुनिया पिछले साल अपना नाम खेल रत्न के लिए नहीं आने के बाद नाराजगी जताई थी और उस समय के खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर से मुलाकात कर निराशा जाहिर की थी। इस मामले से जुड़े एक सूत्र ने आईएएनएस को यह जानकारी दी। सूत्र ने कहा कि बजरंग को कुश्ती के क्षेत्र में लगातार अच्छा करने के लिए इस साल अवॉर्ड दिया जाएगा।
भारतीय कुश्ती महासंघने इस अवॉर्ड के लिए बजरंग पुनिया के साथ ही महिला पहलवान विनेश फोगाट के नामों की सिफारिश की थी। पुनिया ने जॉर्जिया से पीटीआई से कहा कि मेरे पास इस पुरस्कार के लिए उपलब्धियां थीं। मैंने हमेशा कहा है कि पुरस्कार सबसे योग्य लोगों को मिलना चाहिए। पुनिया ने हाल ही में तबिलिसी ग्रां प्री में गोल्ड मेडल पदक अपने नाम किया था। वह ईरान के पेइमान बिबयानी को मात देकर 65 किलोग्राम भारवर्ग में सोने का तमगा जीतने में सफल रहे थे। उन्होंने पिछले साल जकार्ता में आयोजित एशियाई खेलों में 65 किलोग्राम फ्रीस्टाइल कुश्ती प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता था। उन्होंने जापानी पहलवान तकतानी दाची को 11-8 से हराया।
इस खिलाड़ी के नाम दर्ज हैं 61,760 रन, साथ में है 199 शतक लगाने का बड़ा रिकाॅर्ड
इससे पहले उन्होंने गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में भी इसी श्रेणी में स्वर्ण पदक जीता था। उन्होंने स्वर्ण को प्राप्त करने के लिए तकनीकी श्रेष्ठता द्वारा वेल्स के केन चार्ग को पछाड़ दिया। पिछले साल, भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली और भारोत्तोलक मीराबाई चानू को खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। पुरस्कार के पहले प्राप्तकर्ता शतरंज ग्रैंडमास्टर विश्वनाथन आनंद थे, जिन्हें वर्ष 1991-92 में उनके प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया था। बता दें कि क्रिकेटर हरभजन सिंह ने भी इस अवाॅर्ड के लिए अपना नाम भेजा था लेकिन उनका नाम समय पर केंद्र सरकार के पास ना पहुंच पाने के कारण उन्हें इस अवाॅर्ड के लिए नहीं चुना गया। इसके बाद हरभजन ने पंजाब सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे।