नई दिल्लीः नीरज चोपड़ा के बाद अब एक और टोक्यो ओलंपिक मेडलिस्ट बजरंग पुनिया वापस ट्रेनिंग में लौट आए हैं। यह बात टोक्यों गेम्स के दौरान कम ही लोगों को पता थी कि बजरंग घुटने की समस्या के साथ अपने मैच खेल रहे थे। उन्होंने कांस्य पदक मैच में अपनी चोट की परवाह भी नहीं की थी। एक पदक हाथ में आया और अब बजरंग देश के सितारे एथलीट हैं। वे पहले भी एक बड़ा नाम थे।
अब उनके फैंस के लिए अच्छी खबर और खट्टी खबर दोनों हैं। बात यह है कि टोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता पहलवान बजरंग पुनिया ने घुटने की चोट से उबरने के बाद प्रशिक्षण शुरू कर दिया है, लेकिन 2022 के लिए खुद को तैयार करने के लिए सीनियर नेशनल को छोड़ने का फैसला किया है।
27 वर्षीय भारतीय को ओलंपिक के लिए अपनी ट्रेनिंग के दौरान लिगामेंट टूट का सामना करना पड़ा था, लेकिन फिर भी वह टोक्यो खेलों में 65 किग्रा वर्ग में फ्रीस्टाइल कांस्य पदक का दावा करने में सफल रहे।
छह सप्ताह के रिहैबिलिटेशन की सलाह दिए जाने के बाद वह इस महीने की विश्व चैंपियनशिप में भाग नहीं ले सके।
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बजरंग ने पीटीआई के हवाले से कहा, "मेरा घुटना अब ठीक है। मैंने अभी दो दिन पहले ही ट्रेनिंग शुरू की है। मैं अच्छा महसूस कर रहा हूं लेकिन मैं इस साल किसी भी कार्यक्रम में भाग नहीं लूंगा। अगले साल तरोताजा रहने के लिए मैं इस साल नेशनल से बाहर हो जाऊंगा।"
बजरंग ने हालांकि अगले साल के लिए अपनी योजनाओं का खुलासा करने से इनकार कर दिया।
उन्होंने कहा, "अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। मैं निश्चित तौर पर इस साल कोई प्रतिस्पर्धी टूर्नामेंट नहीं खेल रहा हूं। लेकिन मुझे अगले साल के लिए अपनी योजनाओं को चाक-चौबंद करना बाकी है।"
बजरंग जिस सीनियर रेसलिंग नेशनल का हिस्सा नहीं होंगे, उसका आयोजन उत्तर प्रदेश के गोंडा में 19 से 21 नवंबर तक होगा।
बजरंग जॉर्जिया के अपने निजी कोच शाको बेंटिनिडिस के साथ फिर से जुड़ने के लिए उत्सुक हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि अंतिम फैसला भारतीय कुश्ती महासंघ के पास है।
उन्होंने कहा, "मैं डब्ल्यूएफआई के फैसले से राजी रहूंगा। लेकिन मैं स्पष्ट रूप से शाको के साथ काम करना जारी रखना चाहूंगा। लेकिन डब्ल्यूएफआई को फैसला करना होगा। डब्ल्यूएफआई जो भी सुझाव देगा मैं सहमत हूं।"