नई दिल्लीः ओलंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा द्वारा लोगों से अपने एजेंडे के लिए उनके नाम का उपयोग नहीं करने का आग्रह करने के एक दिन बाद, टोक्यो खेलों के कांस्य पदक विजेता बजरंग पुनिया भी उनके समर्थन में सामने आए, उन्होंने कहा कि खेल को भेदभाव के माध्यम के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। .
बजरंग का कहना है कि अरशद नदीम को लेकर मुद्दा बनाया है और वजह बनी है नीरज चोपड़ा का बयान। नीरज इस मामले पर पहले ही कह चुके हैं कि नदीम के साथ उनकी कोई दुश्मनी नहीं है, सभी भाला फेंक खिलाड़ी भाईचारे से रहते हैं। नीरज ने साफ किया कि नदीम ने उनका भाला लेकर कोई गलत नहीं किया था।
बजरंग ने इसी पर बात करते हुए कहा, "एथलीट चाहे किसी भी देश का हो, वो एक एथलीट होता है। हम मैदान पर विपक्षी के तौर पर उतरते हैं और बाहर भाई की तरह मिलते हैं। खेल हमको बुराई नहीं सिखाता। ये हमको तोड़ना नहीं, साथ रहना सीखाता है।"
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चोपड़ा को एक इंटरव्यू में उनकी टिप्पणी के बाद एक विवाद में घसीटा गया था, कि पाकिस्तानी भाला फेंक अरशद नदीम ओलंपिक फाइनल के दौरान नीरज के भाला के साथ घूम रहा था।
हालांकि जब इस चीज को नदीम की बुरी सोच के तौर पर प्रचारित किया गया तो नीरज को सामने आकर कहना पड़ा कि नदीम ने जो किया वह नियमों के दायरे में था।
नीरज और बजरंग के रूख के बाद बॉलीवुड के गीतकार जावेद अख्तर कहते हैं- काश हमारे देश में कुछ लोगों के अंदर भी इतनी क्लास, शालीन बुद्धि और खेल भावना होती जितनी की हमारे एथलीटों नीरज चोपड़ा और बजरंग पुनिया ने दिखाई।
हाल ही में बजरंग अपनी एक और बात को लेकर चर्चा में रहे जब उन्होंने जेल में बंद सुशील कुमार को देश का सबसे बड़ा पहलवान भी बताया था। बजरंग ने यह भी साफ किया कि वे केवल सुशील के खेल करियर पर ही राय दे सकते हैं। सुशील हत्या के आरोप में दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद हैं।
बजरंग ने टोक्यो ओलंपिक 2020 में कुश्ती में कांस्य पदक जीता था, जबकि नीरज चोपड़ा ने गोल्ड पर कब्जा किया था। नीरज और पाकिस्तान के भाला फेंक खिलाड़ी अरशद नदीम की प्रतिद्वंदता को भी खूब मसालों के साथ पेश करने की कोशिश की गई थी। वहीं, इन खिलाड़ियों से पूछो तो यही बात निकलती है कि दोनों के बीच अच्छे रिश्ते हैं।