नई दिल्ली। अगले साल शुरू होने जा रहे टोक्यो ओलंपिक से पहले देश के डोपिंग रोधी कार्यक्रम को बड़े पैमाने पर झटका लगा है। 2020 में टोक्यो में होने वाले ओलंपिक में अब बेहद कम समय बचा है, लेकिन इससे पहले विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (WADA) ने भारत की राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला (NDTL) को छह महीने के लिए निलंबित कर दिया है। वाडा ने एक प्रेस रिलीज में कहा, "वाडा की जांच के दौरान एनडीटीएल की प्रयोगशालाओं के लिए तय अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप नहीं पाया गया जिसके कारण उसे निलंबित किया गया है।" नाडा खून और मूत्र के नमूने एकत्र कर सकता है लेकिन उसे भारत के बाहर वाडा की मान्यता प्राप्त लैबरेटरी से जांच करानी होगी।
एनडीटीएल देश की एकमात्र ऐसी प्रयोगशाला है जो डोप टेस्ट करती है। यह दुनिया में मौजूद 34 वाडा मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं में से एक है। वाडा की जांच में पाया गया कि एनडीटीएल का नमूनों के विश्लेषण का तरीका सही नहीं था। वाडा ने कहा, "यह निलंबन 20 अगस्त से प्रभावी है और एनडीटीएल अब किसी प्रकार की डोपिंग रोधी गतिविधी में शामिल नहीं हो पाएगी। इसमें रक्त और मूत्र के नूमनों का विश्लेषण भी शामिल है।" वाडा ने कहा कि उन नमूनों को भारत के बाहर वाडा से मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला में भेजना होगा जिसे एनडीटीएल पहले ही एकत्र कर चुकी है, जो फिलहाल पुष्टि की प्रक्रिया में शामिल है या जिनके विश्लेषण के खिलाफ रिपोर्ट की गई है।"
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वहीं खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि वाडा द्वारा भारत की एनडीटीएल को निलंबित करने के फैसले के खिलाफ भारत स्विट्जरलैंड स्थिति खेल पंचाट (सीएएस) का दरवाजा खटखटाएगा। रिजिजू ने एक बयान में कहा कि अतीत में कुछ मुद्दे थे। खेल मंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद मैंने उन मुद्दों पर संज्ञान लिया है और इसमें सुधार शुरू किया गया। यह निराशाजनक है कि इन प्रयासों के बाद भी वाडा ने ऐस रुख अपनाया है। उन्होंने कहा कि हम इस प्रतिबंध के खिलाफ अपील (सीएएस) करेंगे और अपील की प्रक्रिया पहले से ही चल रही है।