नई दिल्लीः सरकार ने खेल बजट में भारी कटौती कर दी है जो कि पूरे 230.78 करोड़ की है। सोमवार को सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 2596.14 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया। खेल मंत्रालय के खेलो इंडिया अभियान को 660.41 करोड़ रुपए आवंटित हुए हैं जो की 2020-21 के बजट (890.42 करोड़ रुपए) के मुकाबला काफी कम है।
हालांकि यहां गौर करने वाली बात यह है कि टोक्यो ओलंपिक के स्थगित होने के चलते भारत में पिछले साल खेलों पर खर्च होने वाली रकम भी काफी प्रभावित हुई। घरेलू प्रतियोगिताओं को भी कोविड के कारण रद्द किया गया था, ऐसे में बजट में मौजूद रकम की भारी मात्रा भी खर्च नहीं की जा सकी।
ओलंपिक में होने वाली भागेदारी समेत, तमाम विदेशी ट्रेनिंग और प्रतियोगिताओं का खर्च खेल मंत्रालय ही वहन करता है।
खेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने पीटीआई से कहा कि पिछले साल के बजट से तुलना करना क्यों ठीक नहीं है-
'' शुरुआती तौर पर खेल को पिछले साल के बजट में 2826.92 रुपये आवंटित किया गया था, जिसे बाद में 1800.15 रुपये में संशोधित कर दिया गया था।
किरण मोरे ने भारतीय टीम को दी चेतावनी, कहा- इंग्लैंड के खिलाफ न करें यह भूल
"पिछले साल शायद ही कोई गतिविधि थी क्योंकि लॉकडाउन के कारण अधिकांश राष्ट्रीय शिविर बंद थे।
अधिकारी ने कहा, 'बुनियादी ढांचे के विकास और स्टेडियमों के इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में भी महामारी के कारण शायद ही कोई प्रगति हुई हो।'
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा सोमवार को पेश किए गए 2021-22 के बजट में सरकार के प्रमुख कार्यक्रम खेलो इंडिया में 232.71 करोड़ रुपये की सबसे बड़ी कटौती की गई।
भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI), जिसका आवंटन पिछले बजट में 500 करोड़ रुपये कर दिया गया था, इस बार सरकार द्वारा 160.41 करोड़ रुपये की वृद्धि हासिल करते हुए कुल 660.41 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी तक पहुंच गया।
SAI राष्ट्रीय शिविरों के प्रबंधन के लिए एक नोडल संगठन है, जो देश के खिलाड़ियों के लिए बुनियादी ढांचा, उपकरण और अन्य लॉजिस्टिक्स प्रदान करता है।
पिछले बजट में कुछ खास नहीं प्राप्त करने वाले राष्ट्रीय खेल महासंघों (NSF) का आवंटन भी 35 करोड़ रुपये से 280 करोड़ रुपये हो गया है।
जहां तक खिलाड़ियों के लिए प्रोत्साहन का सवाल है, बजट में 70 करोड़ रुपये से 53 करोड़ रुपये की राशि को और अधिक घटाने का प्रस्ताव किया गया है।
राष्ट्रीय खेल विकास निधि का बजट भी 25 करोड़ रुपये तक आधा कर दिया गया है।
स्पोर्ट्सपर्सन के लिए नेशनल वेलफेयर फंड को पहले की तरह 2 करोड़ रुपये मिलते रहेंगे, जबकि 50 करोड़ रुपये में, जम्मू-कश्मीर में खेल सुविधाओं की वृद्धि के लिए आवंटन में कोई बदलाव नहीं किया गया था।
लक्ष्मी बाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन को 55 करोड़ रुपये मिलते रहेंगे, जबकि वर्ल्ड एंटी-डोपिंग एजेंसी (वाडा) का योगदान 2 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2.5 करोड़ रुपये कर दिया गया है।