नई दिल्लीः पहलवान सुशील कुमार सागर धनकड़ की हत्या के मामले में ऐसे फंसे हैं कि इज्जत लुट चुकी है। बचने के तमाम हथकंधे अपना रहे सुशील कुमार अब जमानत चाहते थे जिस पर दिल्ली की अदालत ने सोमवार को फैसला सुरक्षित रख लिया था और बाद में यह जमानत याचिका खारिज कर दी गई।
अदालत ने मंगलवार को छत्रसाल स्टेडियम हत्याकांड मामले में पहलवान सुशील कुमार की जमानत याचिका पर ये फैसला किया है। सजायाफ्ता ओलंपियन ने सोमवार को जमानत के लिए दिल्ली की एक अदालत का रुख किया, जिसमें आरोप लगाया गया कि पुलिस ने एक झूठा मामला बनाया है।
सुशील कुमार ने कहा कि पुलिस ने उनकी "दोषी छवि" बनाई है। सुशील को दिल्ली पुलिस ने 23 मई 2021 को गिरफ्तार किया था।
प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया के अनुसार, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश शिवाजी आनंद ने मंगलवार को जमानत याचिका पर सुनवाई की।
पीड़िता और शिकायतकर्ता सोनू की ओर से पेश अधिवक्ता नितिन वशिष्ठ ने कहा कि सुशील कुमार को जमानत पर रिहा नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि अभी और आरोपियों को गिरफ्तार किया जाना है और सुशील कुमार उनके साथ मिलकर गवाहों को प्रभावित कर सकता है।
दिल्ली कैपिटल्स ऐसे चैम्पियन नहीं बन पाएगी, वीरेंद्र सहवाग ने दी बल्लेबाजों को नसीहत
सुशील और अन्य ने कथित संपत्ति विवाद को लेकर 4 और 5 मई को रात को स्टेडियम में पूर्व जूनियर राष्ट्रीय कुश्ती चैंपियन सागर धनखड़ और उनके दोस्तों के साथ कथित तौर पर मारपीट की थी। बाद में धनखड़ ने दम तोड़ दिया।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, धनकड़ को किसी ऐसी चीज से मारा जिस पर धार नहीं थी।
कुमार ने इससे पहले जेल में बहुत डिमांड पैदा की। उसने विशेष भोजन, और कसरत के बैंड की मांग करते हुए रोहिणी अदालत का रुख किया था, जिसमें कहा गया था कि ये उनके स्वास्थ्य और प्रदर्शन को बनाए रखने के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि इन बुनियादी आवश्यकताओं से इनकार करने से उनके करियर पर भारी असर पड़ेगा, जो उनकी शारीरिक ताकत और काया पर निर्भर करता है।
जमानत याचिका में सुशील ने कहा कि युवा पहलवान की मौत दुर्भाग्यपूर्ण थी लेकिन उसको सनसनीखेज बनाया गया और उनके दुश्मनों ने उनके खिलाफ इसका फायदा उठाया। 2 बार के ओलंपिक पदक विजेता ने दावा किया कि पुलिस ने उनकी एक झूठी छवि पेश की और उनके और प्रसिद्ध गैंगस्टरों के बीच गलत तरीके से संबंध स्थापित करने के लिए झूठी जानकारी दी।
सुशील ने अपनी 16 पन्नों की जमानत याचिका में कहा कि उसकी जबरदस्ती की गैंगस्टर जैसी छवि बनाई गई।
पहलवान ने आगे कहा कि उसके पास से कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला है जो उसकी बेगुनाही की पुष्टि करता है लेकिन जांच एजेंसी ने उसके खिलाफ मामला बनाने के लिए कुछ वाहनों और हथियारों को जिम्मेदार ठहराया है।
पहलवान ने आगे अदालत को बताया कि उसका पुराना इतिहास है और उसने कभी किसी कानून का उल्लंघन नहीं किया है।
जानकारी यह भी है कि दिल्ली पुलिस सुशील के खिलाफ जल्द ही पूरक आरोपपत्र दायर करने वाली है।