ऑस्ट्रेलिया में बेहद दुखद मामला-
यह घटना और भी ज्यादा हैरान इसलिए भी करती है क्योंकि यह मामला ऑस्ट्रेलिया के पूर्व रग्बी खिलाड़ी रोवन बेक्सटर का है जिसने अपनी 31 साल की पत्नी हैना और अपने 3 बच्चों को कार में बंद करके जला दिया और बाद में खुद को भी स्टैब करके आत्महत्या कर ली।
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पत्नी-बच्चों को जिंदा जलाकर की खुदकुशी
यह मामला ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन के कैंप हिल इलाके का है जहां सुबह साढ़े आठ बजे एक धमाका हुआ और फिर चीख की आवाजें सुनाई देने के बाद लोग बाहर आ गए। कार में हैना के अलावा उनके तीन बच्चे- छह साल की लायना, चार साल की अलिया और तीन साल का ट्रे मौजूद थे। सामने का मंजर भयावह था क्योंकि रोवन बेक्सटर ने खुद को चाकू से वार करके जख्मी कर दिया था और वह कार के सामने पड़ा था।
'उसने मुझ पर पैट्रोल डाला'
इस भयंकर घटना के बाद आनन-फानन में हैना और बच्चों को अस्पताल ले जाया गया लेकिन 24 घंटे से पहले ही सबकी मौत हो गई। इस दौरान हैना की चीख सुनी जा सकती थी जो कह रही थी कि उसके पति ने उस पर पैट्रोल फेंका। पुलिस ने जब मामले की जांच की तो पता चला कि हैना ड्राइविंग सीट पर थी जबकि रोवन दूसरी फ्रंट सीट पर बैठे हुए थे। इन दोनों के बीच इससे ठीक पहले झगड़ा हुआ था।
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घटना से पहले किया था बच्चों के लिए पोस्ट-
बता दें कि दोनों पति-पत्नी के बीच पहले ही अलगाव हो चुका था और बच्चों की कस्टडी को लेकर मामला चल रहा था। यह मामला फिलहाल अदालत के अधीन था। इस घटना से एक सप्ताह पहले तक फेसबुक पर रोवन ने अपने बच्चों के लिए अपना प्यार प्रदर्शित करनी वाली कई पोस्ट की थी। यहां तक घटना से पहले वाली रात भी उसने पोस्ट किया था- 'गुड नाइट बच्चों. पापा आपको प्यार करते हैं।'
पिछली पोस्टों से कभी नहीं मिला ऐसा कोई इशारा-
पिछले महिने उन्होंने एक वीडियो भी पोस्ट किया था जिसमें वे एक बार फिर से बच्चों के साथ काफी खुश नजर आ रहे थे। उन्होंने कैप्शन में लिखा था- स्वीट ड्रीम्ज मेरे बच्चों. तुम सबको ढेर सारा प्यार
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पिछले साल मई में की थी खुद ऐसी पोस्ट-
खास बात यह है कि पिछले साल मई के महीने में बैक्सटर ने फेसबुक पर एक तस्वीर शेयर की थी जिसमें उन्होंने पुरुषों में आत्महत्या के मामले बताए थे- एक सप्ताह में 84 आदमी अपनी जान ले लेते हैं। इनमें 75 प्रतिशत सुसाइड करने वाले मेल होते हैं। 25 प्रतिशत आदमी ऐसे हैं जो मानसिक बीमारी से पीढ़ित थे। ऐसा लगता है कि पुरुषों को मदद कम मिलती है। इस मामले पर बोलना चाहिए, जिंदगी बचाने पर।'