Fencer Bhavani Devi scripted history by becoming first Indian fencer to qualify for Tokyo Olympics says dream Started in London Olympics: नई दिल्ली। भारत की महिला तलवारबाजी में 8 सालों तक चैम्पियन रहने वाली तमिलनाडु की सीए भवानी देवी का ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने का सपना आखिरकार पूरा हो गया है। भवानी देवी ने समायोजित आधिकारिक रैंकिंग (एओआर) के आधार पर टोक्यो ओलंपिक्स 2020 के लिये क्वालिफाई किया है और इसके साथ ही तलवारबाजी में भारत के लिये क्वालिफाई करने वाली वह पहली फेंसर बन गई हैं।
भले ही उनके टोक्यो ओलंपिक्स में क्वालिफिकेशन की बात पर आधिकारिक मुहर 5 अप्रैल को लगनी है लेकिन उनकी रैंकिंग में सुधार ने उन्हें ओलंपिक में क्वालिफाई करने वाला पहला भारतीय तलवारबाज बना दिया है। शुक्रवार को इस बारे में बात करते हुए भवानी देवी ने कहा कि भारत के लिये ओलंपिक में क्वालिफाई करने के सपने की शुरुआत लंदन ओलंपिक्स 2012 से हुई थी।
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न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा,'जब मैंने इस खेल की शुरुआत की थी तो बस सिर्फ इस खेल का आनंद लेना चाहती थी। मेरी पहली प्रतियोगिता में मुझे हार का सामना करना पड़ा था जबकि मेरे दोस्तों ने मेडेल जीते। हालांकि यही वो पहली हार थी जिसने मुझमें मेडेल जीतने की ललक जगाई और मेरे सफर की शुरुआत हुई।'
उन्होंने आगे बताया कि लंदन ओलंपिक्स 2012 के बाद ही मैंने खेलों के इस महाकुंभ में पहुंचने का सपना देखना शुरू किया था। मैं खुद को भारत के लिये ओलंपिक्स में खेलते हुए देखती थी लेकिन मुझे यह पता नहीं था कि इस सपने को सच कैसे किया जाये। तब तलवारबाजी उतनी लोकप्रिय भी नहीं थी। शुरुआत में पैसों की दिक्कत की वजह से कॉम्पिटिशन में भाग लेना भी आसान नहीं था लेकिन मेरे परिवार वालों ने हमेशा मेरा साथ दिया, हालांकि मुझे तब भी दिशा दिखाने वाले की जरूरत थी।
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भवानी देवी ने बताया कि साल 2015 में उनकी यह खोज पूरी हुई जब उन्हें भारतीय एथलेटिक्स फेडरेशन और अन्य स्रोतों से आर्थिक मदद मिलना शुरू हुआ और जब सरकार की तरफ से मदद मिलने लगी तो लगा कि अब टोक्यो ओलंपिक्स का सपना पूरा हो सकता है। भवानी देवी ने बताया कि उन्हें नहीं पता था कि क्वालिफाई कैसे किया जाता है, इसी कारण वह चोटिल होने के बावजूद टूर्नामेंट में हिस्सा लेती रही और लगातार अनुभव के साथ वह इस मुकाम पर पहुंची जहां पर उनकी मेहनत सफल रही।