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जब कैसियस मार्सेलस क्ले जूनियर ने अपनाया इस्लाम और बन गए मुहम्‍मद अली

फिनिक्‍स। शनिवार को बॉक्सिंग के फैंस के लिए एक बुरी खबर आई जब उन्‍हें पता लगा कि उनके आइडियन लीजेंडरी बॉक्‍सर मुहम्‍मद अली ने सिर्फ 74 वर्ष की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया है।

पढें-बॉक्सिग रिंग हुआ सूना, नहीं रहे लीजेंड मुहम्‍मद अलीपढें-बॉक्सिग रिंग हुआ सूना, नहीं रहे लीजेंड मुहम्‍मद अली


आज भी लोगों की प्रेरणा हैं अली

मुहम्‍मद अली कई मायनों में युवाओं के आदर्श थे और उनकी कही हुई बातों के साथ उनका जिंदगी जीने का तरीका आज तक लोगों को प्रेरित करता है।

आइए आज हम आपको बॉक्सिंग के रिंग के सरताज मुहम्‍मद अली की जिंदगी से जुड़ी कुछ ऐसी बातों के बारे में बताते हैं जो आपने शायद ही पहले कभी सुनी होंगी।

असली नाम कैसियस मार्सेलस क्‍ले जूनियर

  • मुहम्‍मद अली का असली नाम कैसियस मार्सेलस क्ले जूनियर था।
  • उनका जन्म 17 जनवरी 1942 को केंटकी में हुआ था।
  • वर्ष 1954 में उन्‍होंने अपने बॉक्सिग करियर की शुरुआत की।
  • वर्ष 1960 में उन्‍होंने रोम ओलंपिक में लाइट हेवीवेट में गोल्ड मेडल जीता।
  • लोगों ने उन्‍हें 'द ग्रेटेस्‍ट' निकनेम दिया था।
  • अली ने ओलंपिक के तुरंत बाद बॉक्सिंग को पेशेगत तौर पर अपना लिया था।
  • सिर्फ 22 वर्ष की उम्र में उन्‍होंने हैवीवेट टाइटल जीता था।
  • अली ने भविष्यवाणी की थी कि वह लिस्टॉन को हरा देंगे।
  • लिस्‍टॉन को कभी कोई नहीं हरा सकता था।
  • वर्ष 1964 में उन्‍होंने सोनी लिस्टॉन को हराकर पहली वर्ल्‍ड चै‍ंंपियनशिप जीती।
  • इस जीत के बाद ही इस्‍लाम कुबूल कर नाम मोहम्मद अली कर लिया।
  • अली 61 मुकाबलों में से शामिल हुए और उनमें से 56 में जीत हासिल की।

वर्ष 1981 में उन्होंने बॉक्सिंग से संन्यास ले लिया था।

कवि भी थे मुहम्‍मद अली

  • मुहम्‍मद अली अक्‍सर नागरिक अधिकारों की वकालत करने रहते थे।
  • उन्‍हें लोग खेल, जाति और राष्ट्रयीता के सीमाओं से परे एक श्रेष्ठ कवि मानते थे।
  • उनका कहना था कि वह एक ऐसे इंसान की तरह मशहूर होना चाहते हैं जिसने कभी अपने लोगों का सौदा नहीं किया।
  • वर्ष 1967 में अली ने वियतनाम में अमरीकी युद्ध के निर्णय का विरोध किया था।
  • इसकी वजह से अली को काफी आलोचना भी सहनी पड़ी थी।
  • उन्होंने अमेरिका की सेना में शामिल होने से साफ इकार कर दिया था।
  • इसकी वजह से उनका विश्व खिताब और बॉक्सिंग का लाइसेंस छिन गया था।
  • करीब चार वर्षो तक वह बॉक्सिंग के मुकाबलों नहीं खेल पाए थे।
  • वर्ष 1971 में अली बॉक्सिंग रिंग में वापस लौटे।
  • उन्‍होंने कई यादगार मैच खेले और अपना खोया सम्मान हासिल किया।


जब मिली पहली हार

  • न्यूयार्क में आठ मार्च 1971 को उन्‍हें फ्रेजर से पहली बार हार का सामना करना पड़ा।
  • इस मैच को मैच ऑफ द सेंचुरी कहा गया था।
  • टाइटल हासिल करने के लिए 30 अक्टूबर 1974 को उन्होंने एक मैच खेला।
  • रंबल इन द जंगल नामक मैच में उन्‍होंने जार्ड फोरमैन को आठवें राउंड में हराया।

Story first published: Tuesday, November 14, 2017, 13:02 [IST]
Other articles published on Nov 14, 2017
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