1. भारतीय हॉकी टीम ने जीता ओलंपिक पदक
1980 से पहले भारतीय हॉकी के इतिहास में एक स्वर्ण युग था। इस दौरान भारतीय टीम ने कई मेडल जीते थे। लेकिन 1980 के बाद भारतीय टीम को ओलंपिक में मेडल जीतने के लिए 4 दशक तक इंतजार करना पड़ा। मनप्रीत सिंह के नेतृत्व में भारतीय हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक में चार शताब्दी के सूखे को समाप्त करते हुए कांस्य पदक जीता। भारतीय टीम ने फाइनल में मजबूत टीम जर्मन टीम को 5-4 से हराया था।
2. मीराबाई चानू ने रचा इतिहास
भारतीय महिला भारोत्तोलक मीराबाई चानू ने भी टोक्यो ओलंपिक 2020 में रजत पदक जीतकर इतिहास रच दिया। उन्होंने 49 किग्रा भार वर्ग में रजत पदक जीता, जिससे भारत को टोक्यो ओलंपिक 2020 में अपना पहला पदक मिला। वह इस खेल में भारत के लिए पदक जीतने वाली दूसरी एथलीट बनीं। इससे पहले, कर्णम मल्लेश्वरी ने 2000 सिडनी ओलंपिक में भारोत्तोलन में भारत के लिए कांस्य पदक जीता था। मीराबाई ने और भी आगे बढ़कर सिल्वर मेडल अपने नाम किया। यह एक ऐसा क्षण था जो आने वाले वर्षों के लिए भारतीय लोगों की स्मृति में अंकित रहेगा।
3. महिला हॉकी टीम का ऐतिहासिक प्रदर्शन
पुरुष टीम ने इस साल जहां इतिहास रचा है, वहीं महिलाएं भी पीछे नहीं हैं। भारत की महिला हॉकी टीम ने भी ओलम्पिक में धूम मचा दी थी। रानी रामपाल के नेतृत्व में भारतीय महिला हॉकी टीम ने जिस तरह का प्रदर्शन किया, उसकी किसी ने उम्मीद नहीं की थी। भारतीय महिला हॉकी टीम का यह तीसरा ओलंपिक था। इससे पहले भारतीय महिला हॉकी टीम ने 1980 और 2016 में ओलंपिक में भाग लिया था। भारतीय महिला हॉकी टीम टोक्यो ओलंपिक 2020 के सेमीफाइनल में पहुंच गई थी। यह बहुत बड़ी बात है। क्योंकि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था। भारत सेमीफाइनल में अर्जेंटीना से हार गया था। कांस्य पदक के मैच में टीम का सामना ग्रेट ब्रिटेन से हुआ। हालांकि भारतीय महिला टीम को 3-4 से हार का सामना करना पड़ा। हालांकि यह हार निश्चित तौर पर एक नई शुरुआत है।
4. किदांबी श्रीकांत का ऐतिहासिक रजत पदक
साल का अंत साल की शुरुआत जितना ही प्यारा था। भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी किदांबी श्रीकांत बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड सीरीज के फाइनल में पहुंचे थे। लेकिन फाइनल में उन्हें सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा। यह भी इतिहास है क्योंकि किसी भी भारतीय पुरुष खिलाड़ी ने फाइनल में जगह नहीं बनाई है और न ही इस टूर्नामेंट में कोई रजत पदक जीता है। उनसे पहले प्रकाश पादुकोण और बी. साई प्रणीत ने इस स्पर्धा में भारत के लिए कांस्य पदक जीता था, लेकिन फाइनल में नहीं पहुंचे थे।
5. भारत के लिए रिकॉर्ड टोक्यो पैरालिंपिक
भारतीय टीम ने टोक्यो पैरालिंपिक में अच्छा प्रदर्शन किया था। इस प्रतियोगिता में भारतीय एथलीटों ने कुल 19 पदक जीते। जिसमें पांच स्वर्ण, आठ रजत और छह कांस्य पदक शामिल हैं। इस प्रतियोगिता में महिला निशानेबाज अवनि लेखरा ने स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। वह पैरालिंपिक में निशानेबाजी के खेल में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली एथलीट बनीं। भावना पटेल ने टेबल टेनिस में भारत को अपना पहला पैरालंपिक पदक जीतने में भी मदद की। आर्चर हरविंदर सिंह ने ऐसा ही किया। वह तीरंदाजी में पैरालंपिक पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने। भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों ने भी दो स्वर्ण पदक जीते।