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Glory Of India : ये घोड़ा दिलाएगा भारत को 'गोल्ड', फौआद मिर्जा लहराएंगे तिरंगा

Olympics Special: Fouaad Mirza selects Dajara 4 for the tokyo olympics 2020 | वनइंडिया हिंदी

नई दिल्ली। वक्त दूर नहीं...जब भारत के 100 के करीब खिलाड़ी टोक्यो ओलंपिक में पदक जीतने के लिए पूरी जान लगा देंगे। रिकॉर्ड 33 खेलों में 42 स्थानों पर 339 मेडल इवेंट आयोजित किए जाएंगे, जिनकी शुरूआत 23 जुलाई को होगी। हाॅकी, टेनिस, बैडमिंटन, बाॅक्सिंग, कुश्ती जैसे कई खेल शामिल हैं। लेकिन इनके अलावा एक खेल है घुड़सवारी का। इसमें भाग लेने वाले व्यक्ति पर नजर तो रहती है, लेकिन उसके साथी यानी की घोड़े पर भी सबकी नजरें टिकती हैं जो गोल्ड मेडल दिलाने का काम करेगा। भारत के लिए फौआद मिर्जा घुड़सवारी करेंगे। वो जिस घोड़े के साथ दाैड़ेंगे उसका नाम है 'दजारा'। फाैआद के दूसरे घोड़े का नाम है सिग्नोर मेडिकॉट, लेकिन इस बार उन्होंने दाैड़ के लिए दजारा को चुना है जो भारत को गोल्ड दिलाने के लिए जोश दिखाएगा।

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दजारा ने जीता फाैआद का दिल

दजारा ने जीता फाैआद का दिल

दजारा ने फाैआद का दिल जीत लिया है। टोक्यो की तैयारी के लिए उसने फाैआद का पूरा सहयोग दिया। दजारा के काम से खुश होकर फाैआद ने उसे चुनने का फैसला किया। दजारा ने पोलैंड में हुए राष्ट्र कप में पिछले वीकेंड में भी दम दिखाया था, जहां वह दूसरे स्थान पर रहा था।

काैन हैं फौआद मिर्जा?

काैन हैं फौआद मिर्जा?

कर्नाटक के रहने वाले, फौआद मिर्जा एक भारतीय घुड़सवारी हैं, जो टोक्यो में तिरंगा फहराते हुए दिखेंगे। 29 वर्षीय फवाद, 6 मार्च 1992 को पैदा हुए। वह पिछले 20 वर्षों में ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले पहले भारतीय घुड़सवार बने। मिर्जा इंद्रजीत लांबा और इम्तियाज अनीस के बाद ओलंपिक में व्यक्तिगत स्थान हासिल करने वाले केवल तीसरे भारतीय हैं। फौआद का घोड़ों के लिए प्यार बचपन से ही बना हुआ है। उनके पिता हसनैन मिर्जा एक प्रसिद्ध और छठी पीढ़ी के घुड़सवार भी हैं। इसलिए, इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि फौआद ने पेशेवर रूप से घुड़सवारी क्यों की। फाैआद मिर्जा ने एशियाई में जकार्ता 2018 में व्यक्तिगत और टीम स्पर्धा में रजत पदक जीता था। अब वह टोक्यो ओलंपिक में देश के लिए पदक जीतना चाहते हैं।

अर्जुन पुरस्कार से हैं सम्मानित

अर्जुन पुरस्कार से हैं सम्मानित

इंडोनेशिया में अपने प्रदर्शन के बाद, मिर्जा को 2019 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया और अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में और पदक जोड़े, और अंत में दक्षिण पूर्व एशिया, ओशिनिया समूह में पहले स्थान पर रहने के बाद टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया। मिर्जा जर्मनी के ओलंपिक पदक विजेता सैंड्रा औफार्थ के अधीन ट्रेनिं ले रहे हैं, जिन्होंने लंदन ओलंपिक में व्यक्तिगत स्पर्धा का कांस्य और 2012 और 2016 के खेलों में टीम स्पर्धा का स्वर्ण और रजत पदक जीता है। मिर्जा वास्तव में टोक्यो में अन्य लोगों के बीच औफार्थ के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करेंगे। जब घोड़ों की बात आती है, तो मिर्जा सिग्नोर मेडिकॉट और दजारा में से किसी एक को रेस के लिए चुनेंगे। दोनों के बीच चयन करना होगा और जून के अंत तक फैसला लेने का समय होगा।

Story first published: Friday, July 2, 2021, 19:17 [IST]
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