राष्ट्रमंडल खेल के मुख्य कार्यकारी माइक हूपर ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत में भी खेल गाँव की स्थिति पर चिंता जताई है और कहा कि टीमें अभी तक वहाँ रहने नहीं जा पाईं हैं. उनका कहना था कि तैयारियों को लेकर जो वादा किया गया था, वो पूरा नहीं किया गया है.
धक्का
इसके पहले राष्ट्रमंडल खेल फ़ेडरेशन के अध्यक्ष माइकल फ़ेनेल मंगलवार को तैयारियों पर चिंता जताई है और कहा है कि फ्लैट्स को देखकर कई देशों को 'धक्का' लगा है. उन्होंने भारत सरकार के कैबिनेट सचिव को एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने कहा है कि 'खेल गाँव की तैयारियों में गंभीर रूप से समझौता किया गया है.'
उनका कहना है,'' खेल गाँव किसी भी खेलों की जान होता है और खिलाड़ियों को यहाँ अपनी तैयारियों के लिए सर्वश्रेष्ठ सुविधाएँ उपलब्ध होनी चाहिए.'' ख़बरों के अनुसार न्यूज़ीलैंड, कनाडा और स्कॉटलैंड ने फ्लैड्स की स्थिति पर चिंता जताई है और कहा है कि ये 'रहने लायक'नहीं है. दलों को ख़ासकर शौचालयों को लेकर भारी आपत्ति है, वो गंदे बताए जा रहे हैं.
'टल सकते हैं खेल'
न्यूज़ीलैंड के दल के प्रमुख डेव करी ने कहा है कि इन खेलों का आयोजन टल भी सकता है. डेव करी ने न्यूज़ीलैंड रेडियो नेटवर्क से बातचीत में कहा,'' मुझे लगता है कि मुश्किलें बड़ी हैं क्योंकि वक्त बहुत कम बचा है. इसके लिए बहुत कोशिशों की ज़रूरत है और ऐसा मुश्किल नज़र आता है.''
उन्होंने कहा, " इस पर हमें फ़ैसला नहीं करना है लेकिन इसमें अब सच्चाई नजर आ रही है. अगर खेल गाँव तैयार नहीं है और एथलीट नहीं आ सकते तो ऐसे में खेलों का आयोजन नहीं होगा." ऑस्ट्रेलियाई टीम के प्रमुख स्टीव मोनेगेटी ने मेलबोर्न में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि भारतीय आयोजकों को दो दिन का वक्त है और उन्हें दो हफ़्ते का काम निबटाना है.