नई दिल्ली। हाल ही में संपन्न हुए 18वें एशियाई खेलों मे भारत की तरफ से गोला फेंक प्रतिस्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाले तजिंदरपाल सिंह तूर के पिता करण सिंह का सोमवार को निधन हो गया। बेटे को गोल्ड जीतने का सपना दिखाकर पिता की आंखें ओझल हो गईं। पिता की हसरत को बेटे ने मेहनत से पूरा किया लेकिन जब वह सोने का मेडल लेकर घर पहुंचा तो पिता की आंखें चिरनिद्रा में सो चुकी थीं। तजिंदरपाल सिंह तूर को एक कामयाब एथलीट बनाने के ख्वाब भी पिता ने दिखाया तो सपनों को पूरा करने के लिए करण सिंह ने अपने जीवन में अनेक समझौते किए। करण सिंह का ही सपना था कि एशियाई खेलों से तजिंदरपाल स्वर्ण पदक के साथ घर वापसी करें।तजिंदरपाल ने तो पिता का सपना पूरा कर दिखाया पर उनकी अब तक की इस सबसे बड़ी उपलब्धि को देख पाने से पहले ही करण सिंह ने हमेशा के लिए आंखें मूंद लीं।
AFI is in deep shock. We just received Tejinder Toor our Shot Putt ASIAN Gold Medalist at the airport and at the same time received the sad news of the passing on of Tejinder’s beloved father. May is soul rest in eternal peace. Our heartfelt condolences to him and his family.
— Adille Sumariwalla OLY (@Adille1) September 3, 2018
इंडोनेशिया से दिल्ली लौटकर तजिंदर पाल सिंह पंजाब के मोंगा में स्थित अपने घर पहुंचना चाहते थे। जीत के रथ पर सवार एक बेटा समय के पहिए रोककर अपने पिता से मिलना चाहता था।उसे अपने पिता के बिगड़ते स्वास्थ्य का उन्हें पहले से ही अंदाजा था इसलिए उन्होंने दिल्ली से मोंगा तक का सफर सड़क के जरिये तय करने का फैसला किया। घर की दूरी तय करने में कुछ समय शेष था इस दौरान रास्ते में ही उनके लिए हृदयविदारक खबर आई।उन्हें पिता के निधन का शोक संदेश मिला। एथलेटिक्स फेडरेशन आॅफ इंडिया (एएफआई) ने उनके निधन पर एक ट्वीट के जरिये शोक जाहिर करते हुए तजिंदरपाल सिंह और उनके परिवार के साथ संवेदनाएं जताई हैं।
तजिंदर के पिता करण सिंह भारतीय नौसेना को सेवाएं दे चुके हैं। बीते दो सालों से कैंसर से ग्रसित थे। पहले उन्हें त्वचा का कैंसर हुआ था और बाद में हड्डियों के कैंसर के चपेट में आ गए। लास्ट स्टेज का यह कैंसर करण सिंह के मस्तिष्क तक पहुंच चुका था। उनके इलाज का खर्च भारतीय नौसेना उठा रही थी।