पिछले साल भारत में शीर्ष खेल अधिकारियों का कार्यकाल सीमित करने को लेकर सरकार और भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन के बीच मतभेद गहरे हो गए थे. स्विट्ज़रलैंड के लुज़ैन में दो दिनों तक चली बैठक के बाद अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के कार्यकारी बोर्ड ने बयान जारी करके भारत को चेतावनी दी है.
कार्यकारी बोर्ड का कहना है कि भारत ने पिछले साल जून में वादा किया था कि सारे विवाद हल कर लिए जाएँगे लेकिन अब भी कई अहम मुद्दों का समाधान नहीं हो पाया है. कार्यकारी बोर्ड ने अपने बयान में कहा है- अगर स्थिति में सकारात्मक सुधार नहीं होता, तो आईओए का कार्यकारी बोर्ड उचित क़दम उठाएगा, जिससे ओलंपिक और अन्य अंतरराष्ट्रीय खेलों में भारत की भागीदारी और उसके प्रतिनिधित्व पर गंभीर असर पड़ सकता है.
बोर्ड का कहना है कि भारत सरकार ने दावा किया था कि भारतीय ओलंपिक समिति के लिए संविधान बनाया जाएगा जिस पर दोनों पक्ष सहमत होंगे और सरकार समिति की स्वायत्तता का सम्मान करेगी. अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के कार्यकारी बोर्ड को ये अधिकार है कि वो किसी सदस्य देश की सदस्यता निलंबित कर दे. अगर ऐसा हुआ तो ओलंपिक खेलों में भारत हिस्सा नहीं ले पाएगा.