शायद ही लोगों को मालूम है कि रविवार को उसके हिस्से में आया वर्ल्ड कप एक माह या फिर कुछ हफ्तों की मेहनत का नतीजा नहीं है बल्कि जर्मनी ने 10 वर्ष पहले से खुद को वर्ल्ड कप के लिए तैयार करना शुरू कर दिया था। मैच के बाद हुई प्रेस कांफ्रेस में जर्मनी के कोच लोव ने इस राज पर से पर्दा उठाया।
लोव ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि बुंडेसिल्गा क्लब ने जर्मनी की तरक्की के लिए जिन कार्यक्रमों को चलाया था, लोव ने बतौर कोच उन्हीं कार्यक्रमों को आगे बढ़ाया।
लोव ने बताया कि वर्ष 2004 में जर्मनी की फुटबॉल टीम का मनोबल बहुत ही गिरा हुआ था लेकिन हमनें ऐसे कदम उठाए जिनकी वजह से टीम आगे बढ़ी।
लोव के मुताबिक उस समय हमने फैसला किया हम शिक्षा में और ज्यादा निवेश करेंगे। हमारे लिए ऐसे खिलाड़ी तैयार करना बहुत जरूरी था जो तकनीकी तौर पर बेहतर हों।
जर्मनी में ऐसे केंद्र तैयार किए गए जिसकी वजह से उन्हें अच्छे नतीजे हासिल हो सके। लोव ने इसके साथ ही उन सभी क्लब का शुक्रिया अदा किया जिन्होंने जर्मनी को इस मुकाम तक पहुंचाने में मदद की।
लोव ने कहा कि यह वर्ल्ड कप उस बेहतरीन ट्रेनिंग की वजह से मिल सकता है जिसने युवा खिलाड़ियों को तैयार करने में मदद की।
इसके अलावा टीम को कारलो एंसेलोट्टी, जुप्प हेनेक्स और पेप गुआर्डिओला जैसे कोच का भी साथ मिला और इसका असर भी जीत पर देखने को मिला।
जब लोव से पूछा गया कि क्या जर्मनी की क्विक पासिंग स्टाइल स्पेन के टिकी-टाका से प्रभावित है तो इस पर उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में कुछ नहीं मालूम लेकिन पिछले कुछ वर्षों में हमने अपनी खुद की एक स्टाइल विकसित कर डाली है।
लोव का कहना है कि सफल क्लब के साथ खेलने की वजह से टीम को काफी फायदा मिला।