चालीस अंडे की सफेदी, एक किलोग्राम चिकन ब्रेस्ट...
चालीस अंडे की सफेदी, एक किलोग्राम चिकन ब्रेस्ट, मछली, चावल, सब्जियों की संतुलित मात्रा ... लगभग एक साल तक यह आहार चित्रेश का रहा है। वे 11वें विश्व बॉडिबिल्डिंग और फिजिक चैम्पियनशिप में मिस्टर यूनिवर्स 2019 का ताज हासिल करने वाले पहले भारतीय हैं। उन्होंने बताया है- "नहीं, मैं अपने खाने से ऊब नहीं रहा हूं। बॉडी बिल्डरों को सही मात्रा में प्रोटीन, कार्ब्स और वसा की आवश्यकता होती है। मैं हर दिन लगभग 300 ग्राम प्रोटीन लेता हूं। जब आप शीर्ष पर पहुंचने का लक्ष्य रखते हैं तो बहुत सारे बलिदान शामिल होते हैं। मेरे पास जनवरी से घर पर पकाए गए भोजन के अलावा कोई भी जंक फूड, मिठाई, गहरे तले हुए स्नैक्स जैसा कुछ भी नहीं है, "
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"सप्लीमेंट्स के लालच में न पड़ें बॉडीबिल्डर्स"
अपने बॉडी बनाने के लिए के लिए ड्रग्स और स्टेरॉयड लेने वालों पर कड़ा रुख अपनाते हुए, उनका कहना है कि एक अच्छा कोच यह सुनिश्चित करेगा कि बॉडीबिल्डर्स ऐसे सप्लीमेंट्स के लालच में न पड़ें। उन्होंने कहा, "एमवी सागर, मेरे पूर्व कॉलेज मेट मेरे कोच बने रहे। वे भी केरल से हैं, उनके जैसे प्रशिक्षक सुनिश्चित करते हैं कि आप सही आहार और व्यायाम पर हैं। यदि आप कड़ी मेहनत करने के इच्छुक हैं, तो किसी भी शॉर्ट-कट की आवश्यकता नहीं है।" चित्रेश ने बताया कि यदि ऑफ ट्रेंनिग दिनों में उन्हें चावल और मछली की करी और डोसा-चटनी से बेहतर कुछ नहीं लगता है, जो घर पर बनाया जाता है।
जिम में रोजाना साढ़े पांच घंटे शामिल
उनके फिटनेस रूटीन में जिम में रोजाना साढ़े पांच घंटे शामिल है। चित्रेश कहते हैं, "यह पांच सेशन में बांटा गया है और मैं अपने कोच के अधीन काम करता हूं।" उनके गृह नगर कोच्चि से फोन पर बात करते हुए पूर्व हॉकी खिलाड़ी-बॉडी बिल्डर का कहना है कि जब से उन्होंने अपनी मांसपेशियों को लचीला करने का फैसला किया है, वह लगातार इस चैम्पियनशिप के लिए टारगेट बना रहे हैं। उन्होंने बताया, "मैं एक हॉकी खिलाड़ी था और लक्ष्मीबाई नेशनल कॉलेज ऑफ फिजिकल एजुकेशन, तिरुवनंतपुरम से शारीरिक शिक्षा में ग्रेजुएशन किया था। अपनी पढ़ाई के बाद, मुझे फिटनेस ग्रुप के साथ दिल्ली में एक जिम में फिटनेस ट्रेनर के रूप में नौकरी मिली। जैसे-जैसे हॉकी खेलने के अवसर कम होते गए, मैं बॉडी बिल्डिंग के प्रति आकर्षित होता गया। फिटनेस हमेशा मेरा एक जुनून रहा है। "
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सरकारी नौकरी पाना है अगली तमन्ना-
उन्होंने बताया कि साल 2014 से, उन्होंने पेशेवर बॉडी बिल्डिंग पर ध्यान देना शुरू किया। उन्होंने 2015 से 2018 तक चार बार मिस्टर दिल्ली का खिताब जीता और मिस्टर इंडिया का भी खिताब जीता। फिर 2019 की शुरुआत में, उन्होंने चैंपियनशिप के लिए प्रशिक्षण शुरू किया और उनको चैंपियनशिप के लिए एशियाई टीम में चुना गया। चित्रेश बताते हैं- " मैंने पहली बार 90 किग्रा वर्ग में मिस्टर वर्ल्ड 2019 जीता था। उसके बाद उन्होंने ओवर चैंपियन और मिस्टर यूनिवर्स 2019 का खिताब के चयन के लिए भी अन्य भार श्रेणियों के विजेताओं के साथ प्रतिस्पर्धा भी की। चित्रेश को उम्मीद है कि बॉडी बिल्डिंग में बड़ी उपलब्धि हासिल करने वाले पहले भारतीय बनने के बाद उनको एक सरकारी नौकरी मिल जाएगी। बॉडी बिल्डिंग के इच्छुक लोगों के लिए उनका कहना है कि दृढ़ता और निरंतरता होनी अनिवार्य है। हालांकि चित्रेश एक कोच नहीं रहना चाहता हैं, क्योंकि उनका दिल सरकारी नौकरी पर टिका है। इसके बाद उन्होंने कहा कि खाली समय में वे जरूर कोचिंग दे सकते हैं।