फ़िरोज़शाह कोटला के मैदान पर शनिवार को जो कुछ हुआ, उस पर दिल्ली एंड डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीसीए) ने माफ़ी मांगी है. तो दूसरी ओर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने ग्राउंड और पिच कमेटी को भंग कर दिया है.
बीसीसीआई के सचिव एन श्रीनिवासन ने एक बयान में बताया है कि तत्काल प्रभाव से इस कमेटी को भंग कर दिया गया है. भारत और श्रीलंका के बीच वनडे सिरीज़ का आख़िरी मैच ख़राब पिच के कारण रद्द करना पड़ा. उस समय श्रीलंका की पारी का 24वाँ ओवर खेला जा रहा था और उनका स्कोर था पाँच विकेट पर 83 रन.
माफ़ी
डीडीसीए के प्रमुख अरुण जेटली ने एक बयान जारी करके शनिवार की घटनाओं पर खेद जताया है और लोगों से माफ़ी मांगी है. उन्होंने बयान में कहा है, "डीडीसीए दर्शकों और अन्य लोगों से असुविधा के लिए खेद जताता है और माफ़ी मांगता है. टिकटों के पैसे वापस किए जाएँगे. इस बारे में विस्तृत घोषणा जल्द ही की जाएगी."
अरुण जेटली ने कहा कि डीडीसीए इस मामले को गंभीरता से लेता है और ये सुनिश्चित करना चाहता है कि आगे से ऐसा कुछ न हो. उन्होंने अपने बयान में कहा- हम इस मामले की जाँच करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि आगे से ऐसी घटना दोबारा न हो.
सवाल
इस घटना से वर्ष 2011 के विश्व कप में कोटला में मैच कराने पर सवाल उठने लगे हैं. 12 साल पहले इंदौर में भी इसी तरह की घटना हुई थी, जिसके बाद इंदौर के नेहरू स्टेडियम पर थोड़े समय की पाबंदी लगी थी.
दिल्ली के फ़िरोज़शाह कोटला मैदान पर भारत और श्रीलंका के बीच पाँचवाँ और आख़िरी एक दिवसीय मैच चल रहा था, जब ये घटना हुई. भारत ने टॉस जीतकर पहले फ़ील्डिंग करने का फ़ैसला किया. श्रीलंका के बल्लेबाज़ों को शुरू से ही परेशानी हो रही थी.
कभी-कभी गेंद इतनी उछल जा रही थी कि बल्लेबाज़ उसे खेल नहीं पा रहे थे. एक गेंद तो तिलकरत्ने दिलशान की कोहनी पर जाकर लगी और वे दर्द से तिलमिला उठे.
सनत जयसूर्या को भी ऐसी कई उछलती गेंदों का सामना करना पड़ा. 24वें ओवर में सुदीप त्यागी की गेंद इतनी उछली कि विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी को भी उसे पकड़ने के लिए जूझना पड़ा.
उस समय श्रीलंका के थिलन कंदाम्बी पिच पर थे. कंदाम्बी ने पहले भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से बात की, फिर अंपायर के पास गए. इस बीच श्रीलंका कप्तान कुमार संगकारा भी मैदान पर पहुँच गए. उनकी अंपायरों से लंबी बात हुई. फिर मैच रेफ़री एलेन हर्स्ट भी मैदान पर पहुँच गए.
फ़ैसला
काफ़ी विचार-विमर्श के बाद मैच रद्द करने का फ़ैसला किया गया. हाव-भाव से यही लग रहा था कि श्रीलंका के खिलाड़ी मैच खेलने को तैयार नहीं है. बाद में आईसीसी ने मैच रेफ़री एलेन हर्स्ट का बयान जारी किया. इस बयान में हर्स्ट ने कहा है कि फ़ील्ड अंपायरों से विचार-विमर्श के बाद उन्होंने मैच रद्द करने का फ़ैसला किया.
उन्होंने बताया कि दूसरे पिच पर मैच कराने का विकल्प रखा गया था लेकिन दूसरा पिच भी तैयार नहीं था, इसलिए मैच रद्द करना पड़ा. दूसरी ओर बड़ी संख्या में मैच देखने आए दर्शकों के सब्र का बाँध टूट गया. लंबे समय तक मैदान पर चल रहे घटनाक्रम को देखने के बाद नाराज़ दर्शकों ने बोतलें फेंकनी शुरू कर दी और विज्ञापन होर्डिंग तोड़ डाले.
लेकिन तब तक बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों को वहाँ बुला लिया गया था. जिन्होंने धीरे-धीरे दर्शकों को स्टेडियम से बाहर निकाला. डीडीसीए ने दर्शकों को भरोसा दिलाया है कि टिकट के पैसे उन्हें वापस किए जाएँगे. दूसरी बार ऐसा हुआ है कि भारत और श्रीलंका के बीच वनडे मैच ख़राब पिच के कारण रद्द करना पड़ा है. वर्ष 1997 में इंदौर में सिर्फ़ तीन ओवर बाद ही मैच रद्द करना पड़ा था.