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Must Read: धाविका ललिता शिवाजी बाबर की बायोग्राफी

नई दिल्ली। रियो ओलंपिक में ललिता शिवाजी बाबर ने भारतीय खेल प्रेमियों की आस जगा रखी है। बाबर 3 हजार मीटर स्टीपलचेज के फाइनल में पहुंच गई हैं, जिसके बाद सवा सौ करोड़ की आबादी वाला भारत देश उनसे मेडल की उम्मीद किये बैठा है। आपको बता दें कि पी. टी उषा के के बाद फाइनल में पहुंचने वाली ललिता पहली भारतीय महिला एथलीट हैं।

जिम्नास्टिक के फाइनल में पहुंचने वाली दीपा करमाकर की बायोग्राफीजिम्नास्टिक के फाइनल में पहुंचने वाली दीपा करमाकर की बायोग्राफी

आईये एक नजर डालते हैं देश की इस होनहार एथलीट के जीवन-परिचय पर...

  • ललिता शिवाजी बाबर का जन्म 2 जून 1989 को महाराष्ट्र के सतारा जिले के छोटे से गांव मोही में हुआ था।
  • ललिता के माता-पिता खेतों में मजदूरी करते थे इसलिए ललिता का बचपन अभावों और गरीबी में बीता है।
  • ललिता बचपन में स्कूल रोज 6 किमी दौड़कर जाती थींं।
  • ललिता ने जिला और राज्य स्तर पर कई मेडल जीते।
  • साल 2014 में ललिता मुंबई मैराथन की हैट्रिक विनर थीं।
  • साल 2005 में पुणे में ललिता ने अंडर 20 के ग्रुप में गोल्ड मेडल हासिल किया था।
  • जिसके बाद ललिता को टीटीई की जॉब मिली और यहीं से किस्मत ने पलटा खाया।
  • ललिता ने अब तक राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 23 से अधिक पदक जीते हैं।
  • इन 23 पदकों में 8 स्वर्ण, 6 रजत, और 9 कांस्य पदक शामिल हैं।
  • 2015 में 3 हजार मीटर की प्रतियोगिता गोल्ड और 5 हजार मीटर वाली प्रतियोगिता में सिल्वर हासिल किया था।

Story first published: Tuesday, November 14, 2017, 13:02 [IST]
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