रियो डी जेनेरियो। शनिवार को भारत के लिए महिला धावक ललिता शिवाजी बाबर ने एक अच्छी खबर दी है। लंबी दूरी की धावक ललिता रियो ओलंपिक में 3000 मीटर स्टीपलचेज स्पर्धा के फाइनल में पहुंच गई हैं। ललिता का अगला और फाइनल मुकाबला सोमवार दिन 15 अगस्त को होना है। इसी के साथ ललिता पिछले 32 सालों में पहली भारतीय महिला बन गई हैं जो ओलंपिक के किसी एथेलेटिक्स के फाइनल में पहुंची है।
तनाव के चलते इस तैराक ने कभी की थी आत्महत्या की कोशिश, आज रियो ओलंपिक में 2 स्वर्ण पदक के हैं मालिक
9 मिनट 19.76 सेकंड का टाइम निकालते हुए उन्होंने हीट-2 में चौथा स्थान हासिल किया। जबकि हीट-3 में एक अन्य भारतीय महिला धावक सुधा सिंह क्वॉलीफाई नहीं कर सकीं। वह नौंवे स्थान पर रहीं।
Rio : ओलंपिक के 120 साल के इतिहास में पहली बार भाग ले रही हैं ये तीन सगी बहनें
ललिता ने रियो में नेशनल रिकॉर्ड भी बनाया है। दौड़ क दौरान उन्होंने 9:19:76 मिनट का समय लिया। वहीं हीट 2 में शामिल कुल 18 प्रतिभागियों में से टॉप-3 ने तो फाइनल के लिए सीधे ही क्वॉलीफाई कर लिया। वहीं एक अन्य भारतीय महिला धावक निर्मला शनिवार को रियो ओलंपिक के आठवें दिन 400 मीटर स्पर्धा के पहले दौर में हारकर बाहर हो गईं। हीट-1 में वह कुल 7 खिलाड़ियों में से छठवें स्थान पर रहीं। उन्होंने यह दूरी तय करने के लिए 53.03 सेकेंड का वक्त लिया।