जबकि भारत इस आत्मविश्वास के साथ मैदान में होगी कि न्यूज़ीलैंड की टीम को उनकी ही ज़मीन पर तीन मैचों में रौंदने के बाद चौथी बार भी धूल चटाई जाए.
उल्लेखनीय है कि पाँच मैचों की श्रृंखला में दूसरा मैच बारिश की भेंट चढ़ गया था.
हालांकि बारिश ने और मैचों में भी बाधा पहुँचाई लेकिन डकवर्थ लुईस विधि से हुआ फ़ैसला भारत के पक्ष में गया.
भारतीय दौरे की शुरुआत में ट्वेंटी-20 सिरीज़ 2-0 से जीतने के बाद न्यूज़ीलैंड का उत्साह देखते बनता था लेकिन भारत ने इसे एकदिवसीय मैचों में धोकर रख दिया है.
अब तक के मैचों से लगता है कि न तो न्यूज़ीलैंड के गेंदबाज़ अपनी गेंदों को काबू में रख पा रहे हैं और न भारतीय बल्लेबाज़ उनके क़ाबू में आते दिख रहे हैं.
भारत इस मैच में कुछ सीनियर खिलाड़ियों को आराम देना चाहता है वहीं न्यूज़ीलैंड किसी तरह से यह मैच जीतना चाहता है ताकि टेस्ट सिरीज़ शुरु होने के समय उसके खिलाड़ियों का मनोबल बना रह सके.
वहीं दर्शक एक बार फिर सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर के बल्ले का कमाल देखना चाहेंगे.