नई दिल्ली। महान धावक मिल्खा सिंह का 91 की उम्र में निधन हो गया है। उन्होंने शुक्रवार रात चंडीगढ़ स्थित पीजीआई में 11.24 मिनट पर अंतिम सांस ली। उनका ऑक्सीजन लेवल 56 तक आ गया जिसके बाद उनका निधन हो गया। 1958 के राष्ट्रमंडल खेलों के चैंपियन और 1960 के रोम ओलंपियन मिल्खा को 20 मई को कोरोना हुआ था, फिर 24 मई को मोहाली के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सिंह को 30 मई को भर्ती होने से पहले छुट्टी दे दी गई थी। ऑक्सीजन के स्तर में गिरावट के कारण 3 जून को पीजीआईएमईआर में उन्हें ले जाया गया। वह इस सप्ताह की शुरुआत में गुरुवार को कोरोना नेगेटिव भी आ गए थे और उन्हें कोविड आईसीयू से पीजीआईएमईआर के मेडिकल आईसीयू में स्थानांतरित कर दिया गया था।
हाल ही में उनकी पत्नी ने तोड़ा था दम
उनके बेटे जीव मिल्खा को गहरा दुख पहुंचा है। हाल ही में मिल्खा की पत्नी निर्मला सिंह का कोरोना से निधन हुआ था। निर्मल 85 वर्ष की थीं और भारतीय महिला वॉलीबॉल टीम की कप्तान रह चुकी हैं। वह पंजाब सरकार में खेल निदेशक थीं।
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वहीं मिल्खा सिंह, जो स्कूल रिकॉर्ड के अनुसार 30 नवंबर, 1928 को वर्तमान पाकिस्तान में गोबिंदपुरा में पैदा हुए थे, 1958 में कार्डिफ में तत्कालीन ब्रिटिश साम्राज्य और राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय एथलीट बन गए थे, जो एक रिकॉर्ड था। सिंह कार्डिफ में 400 मीटर फाइनल में दक्षिण अफ्रीका के मैल्कम स्पेंस को 46.6 सेकंड के समय के साथ हराकर विजेता के रूप में उभरे थे।
सिंह ने 1956 के एशियाई खेलों में 200 मीटर और 400 मीटर की जीत और 1962 के एशियाई खेलों में 400 मीटर और 4X400 मीटर रिले सहित चार एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक जीते थे, जबकि 1960 के रोम ओलंपिक में वह चौथे स्थान पर रहे थे। सिंह के परिवार में तीन बेटियां डॉ मोना सिंह, अलीजा ग्रोवर, सोनिया सांवल्का और बेटा जीव मिल्खा सिंह हैं। गोल्फर जीव, जो 14 बार के अंतरराष्ट्रीय विजेता हैं, भी अपने पिता की तरह पद्म श्री पुरस्कार विजेता हैं।