एनईएसवी के प्रमुख जॉन हेनरी ने लीवरपूल के अधिग्रहण के बाद कहा, "मैं गौरन्वित और विनम्र महसूस कर रहा हूं. मैं आपकोबता नहीं सकता कि मैं कितना ख़ुश हूं." लेकिन ये अधिग्रहण बिना विवाद के पूरा नहीं हुआ है.
जॉन हेनरी को ये अधिग्रहण करने के लिए लीवरपूल के पूर्व मालिकों टॉम हिक्स और जॉर्ज गिलेट के साथ एक क़ानूनी जंग जीतनी पड़ी है. अनुमान की ये ख़रीद क़रीब 50 करोड़ अमरीकी डॉलर में की गई है.
इसीबीच लीवरपूल के पुराने मालिकों ने कहा है कि वे इस अधिग्रहण के ख़िलाफ़ अदालत जाएंगे और वे हर्जाने के लिए एनईएसवी परसौ करोड़ अमरीकी डॉलर का मुक़दमा दायर करेंगे.
लीवरपूल के नए मालिक जॉन हेनरी
पूर्व मालिकों के वकील की ओर आई एक विज्ञप्ति में इस अधिग्रहण को 'असाधारण घोटाला' क़रार दिया है. विज्ञप्ति में आगे कहा गया है, "हमारा मानना है कि इंगलैंड में अदालत जब इस मामले की सुनवाई करेगी तो एक अलग तस्वीर उभर कर सामने आएगी."
क़ानूनी जटिलताओं के बावजूद इस ख़बर से लीवरपूल के प्रशंसक और नए मालिक राहत महसूस कर रहे हैं. लीवरपूल ने बयान जारी कर कहा है, "क्लब की क़ीमत पचास करोड़ अमरीकी डॉलर आंकी गई है और ये पूर्व मालिकों के सारे अधिग्रहण घाटे को ख़त्म करती है. अब क्लब को सालाना घाटे में सिर्फ़ 20 से 30 लाख पाउंड ही भरने पड़ेंगे."
क्लब के नए मालिक जॉन हेनरी ने मीडिया की भीड़ के बीच ऐलान कि आने वाले समय में वे काफ़ी वार्ताएं करने वाले है और ये भी कि वे इस रास्तेपर लीवरपूल के प्रशंसकों के साथ चलना चाहते हैं.