अंतिम स्कोर 6.5-3.5 से कार्लसन के पक्ष में रहा। कार्लसन को पुरस्कार के तौर पर 15.3 लाख डॉलर मिले जबकि आनंद को 10.2 लाख डॉलर और उपविजेता की ट्रॉफी से संतोष करना पड़ा। आनंद ने खिताबी जीत का श्रेय कार्लसन को देते हुए कहा कि वह तो पांचवीं बाजी के बाद से ही जीत के लिए जरूरी जमीन खो चुके थे।
आनंद ने कहा, "मैं अपनी रणनीति को अमली जामा नहीं पहना सका। मैंने कई गलतियां की। ऐसी गलतियों के रहते मैं कोई भी लक्ष्य हासिल नहीं कर सकता था।" आनंद ने कहा कि मुकाबले में जो स्थितियां थीं उससे उनके पास ज्यादा विकल्प नहीं बचे थे। इसके बावजूद उन्होंने करो या मरो की रणनीति के साथ आखिर तक जीत की कोशिश की।
उधर, कार्लसन ने कहा कि तीसरे और चौथे दौर की बाजी के बाद उन्हें महसूस हो गया कि आनंद को उन्हीं के घर में हराया जा सकता है। कार्लसन ने कहा, "तीसरे और चौथे दौर की बाजी के बाद मुझे लगा कि आनंद को हराने के लिए मुझे किसी तरह के चमत्कार की आवश्यकता नहीं है। मैंने इसके बाद अपना स्वाभाविक खेल दिखाया।"