टोक्यो, 03 अगस्त। इस बार ओलंपिक में भारत को पहला मेडल वेटलिफ्टिंग से आया। भारत की स्टार खिलाड़ी मीराबाई चानू ने रियो ओलंपिक की खराब यादों को पीछे छोड़ टोक्यो पहुंची थीं और इस बार उन्होंने सिल्वर मेडल जीतकर पूरे देश को गर्व करने का मौका दिया। पांच साल पहले रियो ओलंपिक में चानू को निराशा हाथ लगी थी। लेकिन 26 साल की मीराबाई चानू ने इस बार बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए सिल्वर मेडल अपने नाम किया। मीराबाई के चलते देश को टोक्यो ओलंपिक में पहला मेडल मिला। लेकिन चानू का सफर यहीं नहीं खत्म हुआ है वह अब पेरिस ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतना चाहती हैं। चानू ने कहा कि मैं अभी सिर्फ 26 साल की हूं और अच्छे शेप में हूं, लिहाजा मेरा अगला लक्ष्य पेरिस 2024 है, मैं गोल्ड मेडल के साथ पेरिस छोड़ना चाहूंगी
उम्मीद है लोग इसे करियर बनाएंगे
चानू ने कहा कि हमारे देश में वेट लिफ्टिंग को इतना महत्व नहीं दिया जाता है और ना ही इसे बेहतर करियर के तौर पर देखा जाता है। उम्मीद है कि मेरे प्रदर्शन के बाद लाखों लड़कियों की सोच बदलेगी और वह इसे अपने करियर के तौर पर लेंगी और देश का गौरव बढ़ाएंगी। कोरोना महामारी के चलते बिना दर्शकों के इस बार ओलंपिक खेलों का आयोजन हो रहा है। चानू कहती हैं कि मैंने फैंस को जरूर मैदान में मिस किया लेकिन मुझे पता है कि पूरा देश मुझे देख रहा था और मैं अपनी उपलब्धि को पूरे देश को समर्पित करती हूं।
मैरीकॉम ने जुनून बनाए रखने को कहा
मेडल जीतने के बाद मैरीकॉम से मुलाकात को लेकर चानू ने कहा कि उन्होंने मुझे सफलता की बधाई दी और कहा कि मैंने देश और अपने राज्य को गौरवान्वित किया है। उन्होंने यह भी कहा कि मुझे अपने जुनून को बनाए रखना चाहिए और आने वाले साल में और बेहतर करना होगा। ओलंपिक में मेडल जीतने के बाद घर में चानू का जबरदस्त स्वागत हुआ। घर पहुंचने के बाद के अनुभव के बारे में मीराबाई चानू ने कहा कि मेरा पूरा परिवार और माता-पिता चांद पर हैं। मैंने टीवी पर देखा मेरा परिवार, पड़ोसी मुझे देख रहे थे। जब मैं घर आई तो सभी लोग बहुत खुश थे।
रियो से बहुत कुछ सीखा
रियो ओलंपिक में निराशा के बाद के अनुभव को साझा करते हुए चानू ने कहा कि रियो से मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला। मैंने आज जो भी हासिल किया है वह रियो में हार का ही परिणाम है। मैंने अपनी गलतियों से सीखा कि आगे मैं उन्हें नहीं दोहराउंगी। 2016 के बाद से मैंने अपनी डाइट, न्यूट्रीशन में संतुलन बनाने की कोशिश की, अपने शरीर और मानसिक स्थिति पर ध्यान दिया। अपनी ट्रेनिंग को बेहतर किया। भारत और अमेरिका में कई ट्रेनिंग सेशन किए जिसकी वजह से मैं इस दिन के लिए खुद को तैयार कर सकी।