अभी मैं भारतीय दल के 'चेफ़ डे मिशन' विक्रम सिसोदिया से मिलकर लौटा ही था कि ख़बर आई कि खेल गाँव के एक सफ़ाई कर्मचारी को भारतीय टीम के फ़्लैट के बाहर से एक बोतल में कुछ सिरिंजें मिली हैं.
ये सूचना प्राप्त होते ही कॉमनवेल्थ फ़ेडेरेशन के प्रमुख डेविड ग्रेवेनबर्ग ने पूरे मामले की जाँच के आदेश दे दिए. मैंने देर रात विक्रम सिसोदिया से फिर संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने फ़ोन नहीं उठाया. हाँ उनके नंबर 2 अजय नारंग ने एक वक्तव्य जारी कर इस पूरे मामले का खंडन किया.
उन्होंने कहा कि उन्हें ही सबसे पहले इस सिरिंजों वाली बोतल के बारे में ख़बर मिली थी और उन्होंने ही राष्ट्रमंडल अधिकारियों तक बिना खोले वो बोतल पहुंचाई थी. भारतीय टीम का उस इस बोतल से कोई लेना-देना नहीं है.
खेल गाँव में प्रतिबंधित दवाओं के ख़िलाफ़ बहुत सख़्त नियम हैं. केवल उन खिलाड़ियों और अधिकारियों को ही खेल गाँव के अंदर सिरिंजें लाने की अनुमति है जो मधुमेह से पीड़ित हैं और इसके लिए उन्हें बाक़ायदा अनुमति लेनी पड़ती है. रियो ओलंपिक में भी भारतीय दल के ठिकाने के पास से इसी तरह की सिरिंजें बरामद हुई थीं.
इस पूरे प्रकरण में दो अलग-अलग कहानियाँ सामने आ रही हैं. पहली कहानी के अनुसार सफ़ाई कर्मचारी को सबसे पहले इसके बारे में पता चला जबकि बकौल नारंग उन्होंने ख़ुद सिरिंजों वाली बोतल अधिकारियों तक पहुंचाई. सच्चाई तो पूरी जाँच के बाद ही पता चलेगी, लेकिन इस सबसे खेल शुरू होने से पहले ही मुंह का मज़ा ज़रूर किरकिरा हो गया है.
एक और ख़बर से भारत की ख़ासी बदनामी हुई जब नौ भारतीय पत्रकारों को फ़र्ज़ी कागज़ों के ज़रिए ऑस्ट्रेलिया में प्रवेश करने की कोशिश में ब्रिस्बेन में गिरफ़्तार कर लिया गया.
ऑस्ट्रेलियन बॉर्डर फ़ोर्स ने बताया कि उन्हें बैंकॉक से पहले से ख़बर मिल गई थी कि कुछ लोग फ़र्ज़ी कागज़ों के आधार पर ऑस्ट्रेलिया में घुसने की कोशिश करेंगे. जब उनकी जाँच की गई तो पता चला कि एक को छोड़ कर सब के पास विदेशी मीडिया के नकली परिचय पत्र थे.
एक मात्र पत्रकार राकेश कुमार शर्मा के पास असली परिचय पत्र था और ये आठ लोग उन्हीं की छत्रछाया में ऑस्ट्रेलिया पहुंचे थे. जब पुलिस ने शर्मा से सवाल-जवाब करना चाहा तो उसने कहा कि उसे अंग्रेज़ी नहीं आती. उसके लिए पुलिस हिंदी दुभाषिए का इंतेज़ाम करवा रही है. उन्हें भी हिरासत में ले लिया गया है. उनकी ज़मानत पर 6 अप्रैल को सुनवाई होगी.
अगर शर्मा पर नकली कागज़ों के ज़रिए ऑस्ट्रेलिया में घुसने का आरोप सिद्ध हो जाता है तो उन्हें बीस साल की सज़ा हो सकती है.
उद्घाटन समारोह में इंद्र देवता की नाराज़गी की आशंका
मौसम विभाग की इस भविष्यवाणी के बाद कि उद्घाटन समारोह और तैराकी स्पर्धा के पहले दिन बारिश हो सकती है, लोगों में थोड़ी मायूसी है. यहाँ के स्टेडियमों में अजीब सा नियम है कि आप अंदर छाता ले तो जा सकते हैं, लेकिन उसे खोल नहीं सकते.
इसका अर्थ ये हुआ कि अगर बारिश होती है तो करारा स्टेडियम और बिना कवर के गोल्ड कोस्ट एक्वैटिक सेंटर में बैठे हुए दर्शक पानी से तरबतर हो सकते हैं. खेलों के अध्यक्ष पीटर बेटी ने लोगों से अपील की है कि वो प्रार्थना करें कि बारिश की वजह से उद्घाटन समारोह में रंग में भंग न हो जाए.
मौसम विभाग का कहना है कि आयरिस तूफ़ान के जारी रहने के कारण बुधवार को करीब 10 मिलीमीटर बारिश हो सकती है. वैसे स्पर्धाओं के पहले दिन यानि 6 अप्रैल को भी 6 मिलीमीटर बारिश की संभावना व्यक्त की गई है.
35000 दर्शकों की क्षमता वाले करारा स्टेडियम में करीब 5000 सीटों पर ही कवर है और बाकी तीस हज़ार सीटें खुले आसमान के नीचे हैं. उसी तरह तैराकी स्टेडियम की भी सारी 12000 सीटें खुले आसमान के नीचे हैं.
खेल स्टेडियमॆ में छातों को सेल्फ़ी स्टिकों, शोर करने वाले यंत्रों और ज़रूरत से ज़्यादा बड़ी टोपियों के साथ प्रतिबंधित वस्तुओं की श्रेणी में रखा गया है. देखना ये है कि बारिश की प्रबल संभावना को देखते हुए छातों के ऊपर से प्रतिंबंध उठाया जाता है या नहीं.
गेंद के साथ छेड़छाड़ करने के विवाद में घिरे स्टीव स्मिथ और डेविड वार्नर के बीच इतनी कड़वाहट पैदा हो गई है कि दोनों दक्षिण अफ़्रीका से ऑस्ट्रेलिया दो अलग-अलग विमानों से वापस लौटे.
आम तौर पर किसी टीम के खिलाड़ी किसी दूसरे देश से एक ही शहर वापस लौटते हैं तो एक ही विमान में आते है. लेकिन स्मिथ सिंगापुर होकर ऑस्ट्रेलिया लौटे जबकि वार्नर ने दुबई होकर ऑस्ट्रेलिया लौटने का फ़ैसला किया.
यहाँ इस तरह के कयास लगाए जा रहे थे कि अगर दोनों एक विमान से वापस आए तो दोनों में फ़्लाइट के दौरान कहीं हाथापाई न हो जाए.
इन दोनों के बीच संबंध इतने ख़राब हो चुके हैं कि यहाँ के क्रिकेट हलकों में कहा जा रहा है कि एक साल बाद जब इन पर प्रतिबंध समाप्त हो जाएगा तो इनमें से एक खिलाड़ी ही दोबारा ऑस्ट्रेलियाई टीम में जगह बना पाएगा और इस बात की बहुत संभावना है कि वो खिलाड़ी स्टीव स्मिथ होंगे.
इस घटना के बाद से वार्नर ने अपने आप को टीम के वॉट्स एप ग्रुप से अलग कर दिया था और टीम के बाकी सदस्यों से उनका संपर्क लगभग टूट गया था. अब ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट हलकों में इस तरह की बातें कही जा रही हैं कि डेविट वार्नर को उप कप्तान इसलिए बनाया गया था, क्योंकि अगर ऐसा नहीं किया जाता तो वो टीम के बीच में बदमज़गी पैदा कर सकते थे.
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