नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्मृति चिन्हों की ई-नीलामी में गुरुवार को उच्चतम बोली मूल्य ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा के भाला (1.5 करोड़ रुपये) का था। जबकि सरदार पटेल (140) की मूर्ति के लिए सबसे अधिक बोली प्राप्त हुई। यह जानकारी संस्कृति मंत्रालय ने दी है। इस दौरान उन वस्तुओं की नीलामी हुई जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तोहफे में दिए गए थे। इन तोहफों को स्मृति चिह्न के तौर पर देखा जाता है।
यह इस तरह के चिह्नों की नीलामी का तीसरा दौर था और भारत के बड़े एथलीटों से मिले तोहफों को नीलामी में रखने से जनता में काफी रुचि पैदा हो गई थी। जैसा की अनुमान था, बाजी गोल्डन ब्वॉय नीरज चोपड़ा के भाले के हाथ लगी। बता दें कि इस नीलामी की राशि को किसी सार्वजनिक कार्य के लिए इस्तेमाल कर दिया जाता है। इसमें केवल खेल नहीं बल्कि तमाम तरह की उपलब्धियों से जुड़े तोहफे स्मृति चिह्न के तौर पर हो सकते हैं।
चोपड़ा के स्वर्ण विजेता भाला के बाद भवानी देवी की ऑटोग्राफ्ड फेंस (1.25 करोड़ रुपये), सुमित अंतिल का भाला (1.002 करोड़ रुपये), टोक्यो 2020 और पैरालंपिक दल द्वारा ऑटोग्राफ किया गया अंगवस्त्र (1 करोड़ रुपये) और लवलीना बोरगोहेन के मुक्केबाजी दस्ताने (91 लाख रुपये) उल्लेखनीय रहे।
ई-नीलामी के इस दौर की मुख्य वस्तुओं में पदक विजेता टोक्यो 2020 पैरालंपिक खेलों और टोक्यो 2020 ओलंपिक खेलों के खेल यादगार शामिल हैं।
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ई-नीलामी में 1348 स्मृति चिन्ह लगाए गए और लगभग 8600 बोलियां प्राप्त हुईं। मोदी को भेंट किए गए उपहारों और स्मृति चिन्हों की ई-नीलामी का यह तीसरा दौर 17 सितंबर से 7 अक्टूबर तक आयोजित किया गया था। ई नीलामी की आय नमामि गंगे मिशन में जाएगी।
पिछली ऐसी नीलामी में, सितंबर 2019 में, 2,770 वस्तुएं बोली के नीचे चली गईं। इनमें पेंटिंग, मूर्तियां, शॉल, जैकेट और पारंपरिक संगीत वाद्ययंत्र शामिल थे। आय को नमामि गंगे मिशन को ही दान कर दिया गया था।