माता-पिता के लिए नीरज के कुछ छोटे सपने:
भारतीय एथलीटों में अधिकांश लोग मध्यम वर्गीय परिवारों से आते हैं जिन्होंने बहुत ज्यादा विलासिता दुनिया में नहीं देखी हैं और सच तो यह है कि दुनिया भी नहीं देखी है। भारतीय एथलीट नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक में जो किया वह महानतम प्रयास था क्योंकि किसी भी इंडियन एथलीट ने एथलेटिक्स में ओलंपिक गोल्ड मेडल नहीं जीता। नीरज गोल्ड मेडल जीतने के बाद घर लौटे और उनका आदर सत्कार किया गया जिसमें वे इतने व्यस्त दिखे कि शायद ही अपने परिवार के लिए बहुत ज्यादा समय निकाल पाए होंगे लेकिन नीरज भी अन्य भारतीय एथलीटों की तरह एक साधारण से परिवार से आते हैं और उनके भी अपने माता-पिता के प्रति कुछ सपने थे जिसको वे अब तेजी से पूरा कर रहे हैं।
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जिंदगी का एक सपना पूरा हुआ- नीरज चोपड़ा
ग्रामीण पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखने वाले नीरज के माता पिता किसान लोग हैं और उन्होंने जिंदगी में कभी फ्लाइट में उड़ान नहीं भरी है लेकिन नीरज चोपड़ा ने अपने इस छोटे से सपने को शनिवार को पूरा किया जब उन्होंने पेरेंट्स को पहली बार हवाई यात्रा की उड़ान भर हवाई। 23 साल के भाला फेंक सितारे ने ट्विटर पर तस्वीरें भी पोस्ट की है जहां वे अपने माता पिता के साथ हवाई यात्रा के लिए बोर्डिंग करते हुए देखे जा सकते हैं। नीरज इस फोटो पर कैप्शन लिखते हैं कि, मेरा एक छोटा सा सपना आज पूरा हो गया है कि मैं अपने माता पिता को उनकी पहली उड़ान कराने में सफल रहा।
वह हिंदी में आगे कहते हैं- जिंदगी का एक सपना पूरा हुआ, जब अपने माता-पिता को पहली बार फ्लाइट पर बैठा पाया। सभी की दुआ और आशीर्वाद के लिए हमेशा आभारी रहूंगा।
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अब अगले साल ही एक्शन में लौटेंगे नीरज-
पहली फोटो में नीरज को अपने माता पिता को फ्लाइट में बोर्डिंग कराते हुए देखा जा सकता है दूसरी फोटो फ्लाइट के अंदर की है जहां बाकी सीटें खाली हैं और नीरज अपने माता पिता के साथ एक फोटो ले रहे हैं। तीसरी फोटो में आप कुछ और लोगों को देख सकते हैं और नीरज अपने माता-पिता के बीच में टोपी उल्टी करके मुस्कान के साथ बैठे हैं।
नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक में 87.58 मीटर की दूरी और भाला फेंक कर गोल्ड मेडल जीता था। हालांकि भारत लौटने के बाद उनकी ट्रेनिंग नहीं हो पाई और कुछ बीमारियां भी हो गई जिसके चलते हैं नीरज चोपड़ा को 2021 का बाकी अभियान कैंसिल करना पड़ा है लेकिन उन्होंने अगले साल वर्ल्ड चैंपियनशिप एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स जैसी बड़ी प्रतियोगिताओं के लिए मजबूती से कम बैक करने का वादा किया है।