टोक्यो: जापान के कोविड -19 संक्रमण के मामलों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी के साथ शुक्रवार को टोक्यो में पैरालंपिक की फ्लेम (लौ) खेलों से चार दिन पहले पहुंच गई है।
टोक्यो दिव्यांग एथलीटों के लिए शीर्ष खेल आयोजन की मेजबानी करने के लिए तैयार है, आयोजकों ने प्रतिभागियों से अधिक सतर्कता के साथ वायरस नियमों का पालन करने का आग्रह किया है।
टोक्यो 2020 के अधिकारी हिदेमासा नाकामुरा ने कहा, "आज संक्रमण की स्थिति ओलंपिक से पहले की स्थिति से अलग है। यह बिगड़ गई है।"
उन्होंने कोविड -19 उपायों पर चर्चा करने के लिए विशेषज्ञों की एक बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, "और स्थानीय चिकित्सा प्रणाली भी बहुत तंग स्थिति में है।"
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उन्होंने यह भी कहा कि पैरा एथलीटों की इम्यून पॉवर ओलंपिक एथलीटों की तुलना में कम होती है उनको सामान्य एथलीटों की तुलना में गंभीर लक्षण होने का जोखिम है, इसलिए और भी सावधान रहने की जरूरत है।
जापान के रोजाना के संक्रमण गुरुवार को पहली बार 25,000 से ऊपर रहे, गंभीर मामलों की संख्या भी पहले से कहीं अधिक है क्योंकि देश और भी घातक डेल्टा वैरिएंट की पांचवीं लहर से जूझ रहा है। यहां ध्यान देने की बात है भारत में अभी दो ही लहर आई हैं।
पारंपरिक मशाल रिले को इस डर से खत्म कर दिया गया था कि भीड़ में संक्रमण फैल सकता है, इसके बाद शुक्रवार को पूरे टोक्यो में दर्शकों के बिना फ्लेम-लाइटिंग समारोह आयोजित किए गए।
अब तक, पैरालंपिक प्रतिभागियों के बीच 86 पॉजिटिव केस दर्ज किए गए हैं, जिनमें से ज्यादातर जापान स्थित कर्मचारियों और ठेकेदारों के बीच हैं।
महामारी के चलते पहले ही एक साल लेट होने की पीड़ा भुगत रहे ओलंपिक ज्यादातर बंद दरवाजों के पीछे आयोजित किए गए, जिसमें एथलीटों का दैनिक परीक्षण किया जाता था और उनको आवास और खेल स्थलों तक ही सीमित रखा जाता था।
अब इन शर्तों को बड़े पैमाने पर पैरालिंपिक में दोहराया जाएगा, जो मंगलवार को लगभग 4,400 एथलीटों के साथ 22 खेलों में प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार है।
आयोजकों ने जोर देकर कहा कि ओलंपिक ने जापान में वायरस के मामलों में कोई उल्लेखनीय वृद्धि नहीं की है, जिसमें हजारों एथलीटों, अधिकारियों और मीडिया में से 546 मामलों का पता चला है।