नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के दिग्गज धावक मिल्खा सिंह से उनके स्वास्थ्य के बारे में बात की है। मिल्खा सिंह की हालत पिछले कुछ समय से ठीक नहीं चल रही थी क्योंकि वह 2 सप्ताह पहले कोविड-19 से पॉजिटिव पाए गए थे। उनकी हालत बाद में थोड़ी खराब हो गई थी जिसके चलते वह अस्पताल में भर्ती हुए और वहां पर भी हालत बिगड़ने के बाद उनको गुरुवार को आईसीयू में भर्ती कराया गया। वे चंडीगढ़ के पोस्टग्रेजुएट इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल एजूकेशन और एंड रिसर्च में एडमिट थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिल्खा सिंह की तेज रिकवरी के लिए विश किया है और उम्मीद की है कि मिल्खा सिंह जल्दी ही आने वाले टोक्यो ओलंपिक के लिए एथलीटों को प्रेरित करने के लिए फिर से एक्शन में लौटेंगे।
TNCA चीफ रूपा गुरुनाथ पर हितों के टकराव का मामला बरकरार, एक से ज्यादा पद पर होने का है केस
बता दें मिल्खा सिंह की हालत शुरू में बहुत खराब नहीं थी और वे 24 मई को मोहाली के फोर्टिस हॉस्पिटल में सावधानी के तहत भर्ती हो गए थे। उनका कोरोनावायरस का टेस्ट पॉजिटिव पाया गया था और वह चंडीगढ़ में अपने घर पर होम आइसोलेशन में थे। मिल्खा सिंह के पुत्र जीव मिल्खा सिंह ने अपने पिता के लिए प्रार्थना करने वाले लोगों का धन्यवाद दिया है और बताया है कि उनके पिता की बहुत अच्छे से देखभाल की गई।
मिल्खा सिंह को फ्लाइंग सिख के नाम से जाना जाता है। वह अभी तक ऐसे अकेले भारतीय एथलीट हैं जिसने एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स की 400 मीटर की रेस में सोने का पदक जीता है। उन्होंने 1958 और 1962 एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीता है। उन्होंने 1956 समर ओलंपिक्स मेलबर्न में भारत का प्रतिनिधित्व किया जिसके बाद वे उन्हें 1960 में रोम में समर ओलंपिक में नजर आए और वह टोक्यो में 1964 में हुए ओलंपिक में भी भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। उनको पदम श्री अवार्ड मिला हुआ है जोकि खेलों में उनकी उपलब्धि के तौर पर भारत सरकार ने चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान के तौर पर दिया है।