1948 में हुए ओलंपिक में हॉकी का गोल्ड मेडल-
भारतीय हॉकी टीम आजादी से पहले भी बहुत जबरदस्त थी और यह सिलसिला 1928 से 1956 तक चला जहां हमारी हॉकी टीम ने लगातार छह गोल्ड मेडल जीते थे। सबसे स्पेशल गोल्ड मेडल वह था जो आजादी के तुरंत बाद यानी कि 1948 में जीता गया। यह आजाद भारत का पहला ओलंपिक भी था। गोल्ड मेडल जीतने वाली टीम के कप्तान थे किशनलाल जिन्होंने फाइनल में ग्रेट ब्रिटेन को 4-0 से हराया। यह वही ग्रेट ब्रिटेन था जिससे भारत को 1947 में आजादी मिली थी।
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1952 के ओलंपिक रेसलिंग में केडी यादव का मेडल
केडी जाधव पहले इंडिविजुअल भारतीय थे जिन्होंने आजादी के बाद ओलंपिक मेडल जीता। जाधव ने 1948 के ओलंपिक में भी भाग लिया था और 4 साल बाद हेलेंस्की में हुए ओलंपिक में उन्होंने बैंटम वेट कैटेगरी में इतिहास रच दिया।
1975 में भारतीय हॉकी टीम ने वर्ल्ड कप जीता-
हॉकी का सबसे पहला वर्ल्ड कप 1971 में शुरू हुआ था और दूसरा 1973 में हुआ। इन दोनों ही प्रतियोगिताओं में भारत मामूली अंतर से खिताब हासिल करने से चूक गया क्योंकि वह क्रमशः तीसरे और दूसरे स्थान पर रहा।
आखिरकार 1975 में भारत ने पाकिस्तान को फाइनल मुकाबले में 2-1 से हराकर यह विश्व कप जीत लिया।
प्रकाश पादुकोण ने 1980 में ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप जीती-
दीपिका पादुकोण के पिता प्रकाश पादुकोण भारत के पहले इंडिविजुअल एथलीट थे जिन्होंने ग्लोबल स्टेज में अपना नाम दर्ज कराया। तब भारतीय स्पोर्ट्स दुनिया में काफी छोटी स्टेज पर था। उनकी सबसे शानदार उपलब्धि 1980 में आई जब वे ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप में जीते।
1983 विश्वकप की जीत-
भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान कपिल देव थे और टीम इंडिया ने दो बार की चैंपियन वेस्टइंडीज को हराकर लॉर्ड्स में यह ट्रॉफी जीती थी। भारत को इस जीत से कई क्रिकेट फैंस मिले और उसके बाद देश में क्रिकेट आगे बढ़ता गया। आज यह भारत का सबसे लोकप्रिय खेल है।
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कर्णम मल्लेश्वरी नेओलंपिक मेडल जीता-2000
कर्णम मल्लेश्वरी ऐसी पहली भारतीय महिला थीं जिन्होंने ओलंपिक मेडल जीता। यह 2000 के सिडनी ओलंपिक में आया जहां उन्होंने 69 किलोग्राम कैटेगरी में भाग लेते हुए वेटलिफ्टिंग में कमाल कर दिया। मल्लेश्वरी ने स्नैच में 110 किलोग्राम वजन उठाया जबकि क्लीन एंड जर्क में 130 किलोग्राम वजन उठाया और कुल वजन 240 किलोग्राम साबित हुआ।
भारत ने 2007 में T20 वर्ल्ड कप जीता-
1983 की जीत के बाद भारत को दूसरे विश्व खिताब के लिए क्रिकेट में लंबा इंतजार करना पड़ा और पाकिस्तान को फाइनल में 5 रनों से मात देकर महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारत ने सबसे पहला T20 वर्ल्ड कप खिताब जीत लिया। भारत के लिए यह टूर्नामेंट शानदार रहा क्योंकि इसमें वे केवल न्यूजीलैंड से हारे।
अभिनव बिंद्रा ने 2008 में गोल्ड मेडल जीता-
अभिनव बिंद्रा ने 2008 बीजिंग ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीता और यह शूटिंग में आया था जो कि भारत के लिए इंडिविजुअल प्रतियोगिता में सबसे पहला ओलंपिक गोल्ड मेडल था। अभिनव बिंद्रा ने शूटिंग में 700.5 का स्कोर किया और यह प्रतियोगिता की पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल। अभिनव की इस जीत ने भारत को बहुत कॉन्फिडेंस दिया जिसका नतीजा था अगले ही ओलंपिक में भारत को सर्वाधिक 6 मेडल मिले भले ही गोल्ड मेडल नहीं आया।
2011 क्रिकेट वर्ल्ड क्रिकेट वर्ल्ड कप की जीत-
T20 वर्ल्ड कप जीतने के 4 साल बाद भारत ने एक बार फिर से विश्व कप खिताब उठाने का सौभाग्य प्राप्त किया और इस बार यह वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में था। मेजबान भारत ने इस विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान जैसों को हराते हुए फाइनल का सफर तय किया जहां उनका मुकाबला श्रीलंका से था और गौतम गंभीर व महेंद्र सिंह धोनी के शानदार प्रदर्शन की बदौलत भारत 6 विकेट से यह मैच जीतने में कामयाब रहा।
विश्वनाथन आनंद ने 2012 में पांचवा वर्ल्ड चैंपियनशिप टाइटल जीता-
विश्वनाथन आनंद भारत के निर्विवाद शतरंज के बादशाह है। आनंद ने पांच बार वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप जीती है और पहली 2000 में आई थी जब उन्होंने अलेक्सी शिरोव को हराया था। उसके बाद अगला टाइटल 2007 में आया फिर उन्होंने तीन बार और अपने खिताबों की रक्षा की।
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पीवी सिंधु ने 2016 ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीता
पीवी सिंधु ने अपने पहले ही ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीता था यह रियो 2016 में हुआ था जहां पर वे फाइनल मुकाबले में स्पेन की कैरोलिना मारिन से हार गई थी। सिंधु का रियो अभियान बहुत ही शानदार रहा। वे भारत की ऐसी पहली बैडमिंटन खिलाड़ी बनीं जो ओलंपिक के फाइनल में पहुंचीं और उन्होंने सिल्वर मेडल भी जीता।
2021 ओलंपिक में नीरज चोपड़ा का एथलेटिक्स में गोल्ड मेडल-
यह आजाद भारतीय खेल इतिहास का सबसे शानदार पल कहा जा सकता है। क्योंकि भारतीय एथलीट विश्व स्तर पर अन्य प्रतियोगियों के सामने फेल हो जाते थे और आज तक पूरे ओलंपिक के इतिहास में कोई भी भारतीय मूल का एथलीट भारत के लिए गोल्ड मेडल के तो क्या ब्रोंज मेडल भी नहीं जीत पाया था लेकिन नीरज चोपड़ा ने इस बात को भी पीछे छोड़ दिया। टोक्यो ओलंपिक 2020 में नीरज चोपड़ा ने भाला फेंक प्रतियोगिता के फाइनल में 87.58 मीटर का थ्रो फेंककर देश को ट्रैक एंड फील्ड में गोल्ड दिला दिया।