टोक्यो, 01 अगस्त। अमेरिका की एथलीट रेवेन सान्डर्स ने टोक्यो ओलंपिक में शॉर्ट पाउट में सिल्वर मेडल अपने नाम किया है। लेकिन यहां तक का उनका सफर काफी मुश्किल भरा रहा है, एक समय ऐसा भी था जब रेवेन खुद की जिंदगी खत्म कर लेना चाहती थीं। दरअसल रेवेन काफी लंबे समय तक मानसिक तनाव में थीं। खुद रेवेन ने कहा कि मैं चाहती थी कि कोई मेरी स्थिति के बारे में जाने, लिहाजा मैंने अपनी थेरेपिस्ट को मैसेज किया कि मैं डरी हुई हूं, मुझे नहीं पता है कि मैं खुद के साथ क्या करने जा रही हूं। लेकिन इस मैसेज ने रेवेन की जान बचा ली।
मैं नहीं चाहती थी लोग मेरी वजह से परेशान हो
रेवेन ने बताया कि मैं इस मुश्किल दौर से गुजर रही थी, मैं नहीं चाहती थी कि वो लोग परेशान हो मेरी वजह से जिन्हें मैं प्यार करती हूं। लोग अपनी ही मुश्किल से गुजर रहे हैं, ऐसे में मैं खुद को और बोझ नहीं बनाना चाहती थी। मैं अपनी चीजो को दूसरों के कंधों पर नहीं डालना चाहती थी। मैं खुद से इन तमाम चीजों का सामना करना चाहती थी, आपको लगता है कि यह उतना बुरा नहीं है जबतक कि कुछ बहुत ही बुरा ना हो। रेवेन लंबे समय से अवसाद में थीं, उन्हें पोस्ट ट्रॉमैटिक स्ट्रेस सिंड्रोम की दिक्कत थी।
मुश्किल दौर से गुजरीं
अपने संघर्ष के बारे में रेवेन ने बताया कि मैं बहुत ध्यान करती थी। मैं ट्रेनिंग सेंटर पर खुद को सकारात्मक लोगों के साथ रखने की कोशिश करती थी। हमारे पास ऐसे ओलंपियन हैं जिन्होंने गोल्ड जीता है। मैंने अपने सबसे करीबी दोस्तों के साथ रहती हूं, उनसे बात करने की कोशिश करती हूं, उन्हें बताती हूं कि मैं किस दौर से गुजर रही हूं, मैं उनसे कहती थी कि मेरे संपर्क में रहें ताकि समझ सके कि मैं किन मुश्किलों से गुजर रही हूं।
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समलैंगिक होने का दर्द
रेवेन ने बताया कि जब मैं क्लास 6 में थी तो मैंने अपनी एक दोस्त के लिए लव सॉन्ग लिखा था, जिसके बाद उन्हें क्लास से बाहर निकाल दिया था। एलजीबीटीक्यू समुदाय का होने का खुद रेवेन ने लोगों को सोशल मीडिया के जरिए जानकारी दी और बताया कि वह किस मानसिक पीड़ा से गुजर रही हैं। ऐसे कई लोग हैं जो एथलीट नहीं लेकिन इस समस्या से गुजर रहे हैं। मुझे याद है कि मैंने अपनी मां को रोते हुए देखा था जब वो मुझसे मिलने के लिए आईं और उन्हें पता चला कि मैं किस दौर से गुजर रही हूं। मेरा लक्ष्य है कि मैं अधिक से अधिक लोगों की जिंदगी बचा सकूं।