नई दिल्ली। भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) ने कोरोना वायरस के दौरान लॉकडाउन हुए खिलाड़ियों पर नियम तोड़ने को लेकर जांच शुरु कर दी है। दरअसल कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियन गेम्स में भारत के लिये गोल्ड जीतने वाले विकास कृष्णा समेत 3 मुक्केबाजों पर लॉकडाउन के दौरान क्वारंटाइन नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगा है जिसके चलते साई ने जांच शुरु कर दी है। अगर यह खिलाड़ी दोषी पाये जाते हैं तो साई इन पर सख्त कार्रवाई भी कर सकता है।
इन खिलाड़ियों पर आरोप है कि पटियाला स्थित राष्ट्रीय खेल संस्थान में क्वारंटाइन रहने के दौरान इन्होंने नियमों का पालन नहीं किया और बाकी खिलाड़ियों से संपर्क बनाया। साई ने इसको लेकर बयान जारी किया है और किसी भी मुक्केबाज का नाम लिये बगैर कहा,'हम इस मामले की जांच कर रहे हैं। हम जांच के बाद दोषी खिलाड़ियों और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।'
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हालांकि मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस कथित नियम उल्लंघन मामले में विकास के अलावा प्रोफेशनल बॉक्सर नीरज गोयत और एशियन गेम्स में कांस्य पदक जीतने वाले मुक्केबाज सतीश कुमार का नाम शामिल है। इन 3 खिलाड़ियों में से 2 विकास कृष्णा (69 किग्रा) और सतीश कुमार (91 किग्रा से अधिक) कैटेगरी के लिये ओलिंपिक टीम में शामिल किये गये हैं।
वहीं इन आरोपों को लेकर खिलाड़ी नीरज गोयल ने कहा,'मैंने और विकास ने मेस (कैंटीन) में प्रवेश नहीं किया था। हम एनआईएस कार्यकारी निदेशक राज सिंह बिश्नोई की अनुमति के बाद परिसर में घुसे थे क्योंकि हमारे कोविड-19 परीक्षण में हम नेगेटिव आये थे। हमें अपने कमरों में रहने के लिये कहा गया था और हमने ऐसा ही किया। केवल सतीश ही कैंटीन में एक बार गया था क्योंकि उसे प्रोटोकॉल की जानकारी नहीं थी और हमें जो पता चला है कि कुछ भारोत्तोलकों और एथलेटिक्स के खिलाड़ियों ने इसकी शिकायत की। उसकी कोविड-19 रिपोर्ट भी नेगेटिव थी।'
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गौरतलब है कि ओलंपिक के लिये क्वालिफाई कर चुके मुक्केबाजों के लिये साई की ओर से शिविर अगले 2 हफ्तों में शुरु होगा। टोक्यो ओलिंपिक के लिये क्वालीफाई कर चुके सात अन्य मुक्केबाज इस समय क्वारंटाइन हैं और उनके कोविड-19 परीक्षण हो गये हैं जिनकी रिपोर्ट आनी बाकी है।
गोयत ने कहा, 'मैं, सतीश और विकास यहां एक जुलाई को ही आये थे और हमने अपना परीक्षण करा लिया था। इसलिये हमें होस्टल में प्रवेश करने की अनुमति मिली लेकिन हमें अलग रहने को कहा गया था और हमने इस निर्देश का पालन किया।'
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आपको बता दें कि साई ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि कथित रूप से नियमों का उल्लंघन करने वाले इन खिलाड़ियों को परिसर में जाने की अनुमति उनके टेस्ट रिपोर्ट के नेगेटिव आने के बाद ही दी गई थी।
साई ने कहा, 'हमारे नये दिशानिर्देशों के अनुसार अब 7 दिन आइसोलेशन में रहना अनिवार्य है। छठे दिन परीक्षण कराये जाते हैं और रिपोर्ट नेगेटिव आती है तो खिलाड़ियों को उन अन्य खिलाड़ियों के साथ मिलने की अनुमति दी जायेगी जो आईसोलेशन में हैं। '