नई दिल्ली। भारत को हाल ही मे ऑस्ट्रेलिया के गोल्डकोस्ट में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में महिलाओं के 53 किग्रा भार वर्ग में गोल्ड मेडल जिताने वाली संजीता चानू को टेस्टोस्टेरोन के लिए पॉजिटिव पाए जाने के बाद इंटरनैशनल वेटलिफ्टिंग फेडरेशन (आईडब्ल्यूएफ) ने निलंबित कर दिया था। उनका नमूना पिछले साल नवंबर में अमेरिका के एनाहीम में विश्व चैंपियनशिप से पहले प्रतियोगिता से इतर लिया गया था। गौरतलब हो की संजीता को भारतीय भारोत्तोलन महासंघ के अध्यक्ष सहदेव यादव का समर्थन हासिल है। उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि चानू निर्दोष हैं। इस पूरे मामले पर सफाई देते हुए चानू ने कहा की 'मैं निर्दोष हूं। मैंने कोई प्रतिबंधित दवाई नहीं ली। मैं राष्ट्रीय महासंघ की मदद से इसे चुनौती दूंगी।'
अभी ये है स्थितिः गौरतलब हो की एशियाई खेलों की तैयारी के लिए संजीता को नौ मई को खेल मंत्रालय के लक्ष्य ओलिंपिक पोडियम योजना (टाप्स) में शामिल किया गया था लेकिन डोपिंग मामले में नाम आने के बाद उन्हें इस योजना से हटाया जा सकता है। इस प्रकरण से भारतीय वेटलिफ्टिंग को करारा झटका लगा है। गौरतलब हो की भारतीय वेटलिफ्टर्स के लिए साल 2016 डोप मुक्त रहा था लेकिन 2017 में एक वेटलिफ्टर सुशीला पंवार को अंतरराष्ट्रीय महासंघ के परीक्षण में पॉजिटिव पाया गया था। वहीं संजीता का मामला इस साल का पहला डोप पॉजिटिव परिणाम है।