उन्होने 'ओप्रा विन्फ्रे' के साथ बातचीत में कहा कि मैने 1999 से 2005 के दौरान जितने भी खिताब जीते। उन प्रतियोगिताओं के दौरान मैंनें शारीरिक क्षमताएं बढ़ाने वाली दवाएं ली थी। वो सब मेरी गलतियां थी और अब मैं उन्हें कबूल कर रहा हूं। उन्होने तो यहां तक कह दिया कि डोपिंग के बिना उनका जीतना ही संभव नहीं था। प्रतिबंधित दवाएं लेने पर उन्हें ऐसा नहीं लगा कि वह गलत कर रहे हैं के सवाल पर उनका कहना है कि 1990 के दशक में कैंसर से ठीक होने के बाद मैं हर हाल में बस जीत हासिल करना चाहता था। जिसके कारण मैनें ऐसा किया और मेरे ख्याल से ऐसा करना गलत नहीं था।
आर्मस्ट्रांग ने कहा कि यह अपराध अक्षम्य है पर मैं डोपिंग को गलत नहीं मानता। अमेरिका की एंटी डोपिंग एजेंसी द्वारा डोपिंग का आरोपी बनाये जाने के बाद टूअर डि फ्रांस ने उनके जीते गये सारे मेडल उनसे वापस ले लिये थे। वहीं अन्तर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने भी उनसे 2000 के सिडनी ओलंपिक में जीता गया कांस्य पदक वापस ले लिया।
इसके अलावा 1998 में अन्तर्राष्ट्रीय साइकिलिंग यूनियन ने एक अगस्त 1998 को उनसे सारे पदक वापस ले लिये थे और उन पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया था। डोपिंग के खुलासों से पहले उन्हें एक महान साइकिलिस्ट माना जाता था।