फरार होकर खुद को अधिक खतरे में डाल गए
सुशील कुमार मर्डर केस में फंसा है। दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में सुशील कुमार ने 4 मई को कुछ पहलवानों के साथ मिलकर दबंगई की, जिसमें 23 साल के पहलवान सागर राणा की माैत हो गई। मामला भड़का तो सुशील 5 तारीख को बयान देते दिखे जिसमें वो कहते हैं कि इसमें उनका कोई लेना देना नहीं। फिर दिल्ली पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों से सबूत एकत्र करने की कोशिश की तो वीडियो में सुशील कुमार अपने साथी पहलवानों के साथ मिलकर सागर और उसके दो दोस्तों की पिटाई करते दिखे। सुशील से पुलिस पूछताछ करना चाहती थी, लेकिन 5 मई को फरार होकर सुशील ने खुद को और खतरे में डाल दिया। देखते ही देखते उन्हें 'मोस्ट वांटेड' करार कर दिया। 1 लाख का ईनाम भी उसपर रख दिया। आखिर में 23 मई को पुलिस उसे गिरफ्तार करने में सफल हुई, वो भी कड़ी मशक्कत के बाद। सुशील का विवादों में रहना कोई नई बात नहीं है। साल 2012 ओलंपिक में उन्होंने सिल्वर मेडल जीतकर सुर्खिया बटोरीं थी। इससे पहले उन्होंने 2008 बीजिंग ओलंपिक में सुशील ने ब्राॅंज मेडल जीता था। पूरे देश को उस समय सुशील पर गर्व था, क्योंकि वह ओलंपिक में 2 मेडल जीतने वाले इकलाैते पहलवान थे। इस उपल्बिध के बाद सुशील को ढेरों पुरस्कार मिलने लगे। लेकिन इसके बाद सुशील की जिंदगी एकदम अलग मोड़ पर चलने लगी। खेल से ज्यादा उनके चर्चे विवादों के साथ होने लगे।
2016 का विवाद याद तो होगा
साल 2010 में एक पहलवान सुर्खियों में आया था, जिसका नाम है नरसिंह यादव। उसने 2010 के राष्ट्रमंडल खेलो में गोल्ड मे जीता था। फिर 2014 में इंचियोन एशियाई खेलों में ब्राॅंज जीता। नरसिंह यही नहीं रूके थे। उसने 2015 में लास वेगास में हुए विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में ब्राॅंज मेडल जी और रियो ओलंपिक के लिए टिकट हासिल किया। इसके साथ ही नरसिंह से देश को मेडल लाने की उम्मीदें आसमान छू रहीं थी, लेकिन फिर ऐसा हुआ कि नरसिंह का करियर तो बर्बाद हुआ, लेकिन सुशील कुमार का भी इस मामले में नाम उछला। हुआ ऐसा कि 2016 रियो ओलंपिक के लिए नरसिंह और सुशील के बीच टक्कर थी। वो भी 74 किलो भार वर्ग के लिए। हालांकि भारतीय कुश्ती महासंघ ने नरसिंह को टिकट दे दिया। लेकिन सुशील यह सहन नहीं कर पाए। उन्होंने नरसिंह के खिलाफ उतरने के लिए अदालत में चुनाैती दी, लेकिन उनकी ट्रायल यहां खारिज हो गई। नरसिंह का रियो ओलंपिक में खेलना तय हो गया था। पूरा देश उनसे मेडल लाने की उम्मीद में बैठा था, लेकिन ओलंपिक के शुरू होने से पहले 10 दिन नाडा द्वारा डोप टेस्ट करवाया गया जिसमें नरसिंह पाॅजिटिव आ गए। नाडा ने नरसिंह को क्लीन चिट साैंप दी और उन्हें ओलंपिक में भाग लेने से रोक दिया। साथ ही 4 साल के लिए निलंबित भी कर दिया। यह खबर आते ही सब सन्न रह गए कि आखिर शिखर की ओर जा रहा पहलवान कैसे डोप टेस्ट में पाॅजिटिव आया।
पकड़ा गया है सुशील का झूठ
नरसिंह के लिए यह बड़ा झटका था। निलंबित होने के बाद उन्होंने सुशील कुमार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि ओलंपिक में जाने से रोकने के लिए उनके साथ साजिश की गई है। उनके खाने में मिलावट की गई है जिसके जिम्मेदार सुशील हैं। सुशील के विवाद यही नहीं थमे। 2017 में भी उनके ऊपर मारपीट के आरोप लगे थे। गोल्ड कोस्ट काॅमनवेल्थ गेम्स के दाैरान पहलवान प्रवीण राणा ने सुशील पर मारपीट के आरोप जड़े थे। सुशील ने इन विवादों के चलते ही अपनी चमक अब खो दी है। सागर राणा के परिवार ने भी सुशील कुमार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। वहीं दिल्ली पुलिस के पास फुटेज है जिसमें वह सागर राणा पर हमला करते दिखे। सुशील का झूठ पकड़ा गया है कि उनका इस मामले में कोई लेना-देना नहीं है। हमलावरों में से एक प्रिंस दलाल ने घटना का वीडियो बना लिया था। उसका फोन पुलिस के हाथ में लगा जिसमें सुशील भी लड़ाई करते दिखे। फॉरेंसिक साइंस लैब की रिपोर्ट में बताया गया कि घटना वाले दिन बनाया गया वीडियो प्रमाणिक है और इसके साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है। यानी कि अब यह भी नहीं कहा जा सकता कि दिल्ली पुलिस के पास जो वीडियो है वो एडिट है। खैर, अब क्या आगे कार्रवाई होती है यह देखना बाकी है। लेकिन एक मां ने अपना जवान लड़का जरूर खोया है जिसकी भरपाई करना मुश्किल है। उसे इंसाफ की उम्मीद भी होगी।