नई दिल्ली। क्राइम ब्रांच ने खुलासा किया है कि हत्या के आरोपी पहलवान सुशील कुमार अपने साथियों से संपर्क करने के लिए अपने सिम-लेस फोन का इस्तेमाल करने के लिए टेलीग्राम ऐप और इंटरनेट डोंगल का इस्तेमाल कर रहे थे। दो बार के ओलंपिक पदक विजेता ने टेलीग्राम का उपयोग करके कई लोगों को बुलाया। इंडिया टुडे को यह भी पता चला है कि क्राइम ब्रांच उस फ्लैट के असली पेपर की जांच कर रही है जिसे सुशील ने अपनी पत्नी के नाम पर खरीदा था।
क्राइम ब्रांच सोमवार को हत्या के आरोपी पहलवान सुशील कुमार को सागर राणा हत्याकांड में और सबूत जुटाने के लिए हरिद्वार ले गई। गौरतलब है कि 38 वर्षीय सुशील 23 वर्षीय सागर राणा की मौत के बाद भागकर हरिद्वार गया था। इंडिया टुडे के सूत्रों ने पुष्टि की है कि सुशील जांच में सहयोग नहीं कर रहा है और उसका मोबाइल अभी तक पुलिस को नहीं मिला है। अगर सुशील का फोन पुलिस के हाथ में लग जाए तो कई चीजों का खुलासा हो सकता है। जिन गैंगस्टरों से उनके संबंध माने जा रहे हैं, उनके बारे बड़ी जानकारी हाथ में लग सकती है, लेकिन सुशील पहले से ही अलर्ट था, इसलिए वह पहले ही हरिद्वार में अपना फोन छोड़ा आया था। साथ ही पुलिस सुशील के पहने कपड़ों की भी तलाश कर रही है, जो उसने घटना के दिन पहने थे।
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वहीं सुशील कुमार सफाई दे रहा है कि उसका सागर को मारने का मकसद नहीं था और उन्होंने लड़कों को सिर्फ पीटने के लिए बुलाया था। सुशील कुमार के लिए और भी मुश्किलें बढ़ रही हैं क्योंकि उसपर दिल्ली पुलिस द्वारा सबूत नष्ट करने का आरोप लगाया जा सकता है। पुलिस का दावा है कि सुशील ने मोबाइल फोन और वीडियो फुटेज समेत सबूत मिटाने की कोशिश की। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम सुशील कुमार के खिलाफ 201 आईपीसी जोड़ने पर विचार कर रही है। भारतीय दंड संहिता की धारा सबूत मिटाने के लिए है।