नई दिल्ली : सरकार वादे कर जाती है लेकिन फिर भूल जाती है उन्हें पूरा करना। यही मानना है एशियन गेम्स में भारत को गोल्ड दिलाने वाली हेप्टाथलान एथलीट स्वप्ना बर्मन का। स्वप्ना का आरोप है कि पिछले साल इंडोनेशिया में खिताब के बाद उन्हें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जमीन का टुकड़ा देने का वादा किया था वह अब तक पूरा नहीं किया गया है।
ट्रेनिंग में सुविधा के लिए जलपाइगुड़ी में जन्मीं स्वप्ना को साल्टलेक में भारतीय खेल प्राधिकरण के पूर्वी केंद्र के समीप जमीन देने का वादा किया गया था. लगभग एक साल बीतने के बावजूद स्वप्ना को सिर्फ किराए का घर दिया गया है जिसके लिए उन्हें अपने जेब से हर महीने चार हजार रुपये देने पड़ते हैं। स्वप्ना ने कहा, 'हमने इतने आग्रह किए लेकिन अधिकारियों ने बताया कि वित्त समिति ने जमीन देने का प्रस्ताव ठुकरा दिया है। मैं जानना चाहती हूं कि क्या मुख्यमंत्री को पता है कि उनके वादे के बावजूद मुझे जमीन देने से इनकार किया गया है।'
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उन्होंने कहा, 'मुझे सिर्फ 10 लाख रुपए और किराए का घर दिया गया जिसके लिए मैं अपनी जेब से चार हजार रुपए किराया दे रही हूं। यह काफी हताशा भरा है।' स्वप्ना ने 2002 एशियन गेम्स की सिल्वर मेडलिस्ट सोमा विश्वास का उदाहरण दिया जिन्हें सरकार ने उस समय जमीन दी थीइसके अलावा तीरंदाज डोला बनर्जी, टेबल टेनिस खिलाड़ी मौउमा दास और पोलोमी घटक तथा तैराक बुला चौधरी को भी जमीन तोहफे में दी गई। घुटने और पीठ की चोट के लिए रिहैबिलिटेशन से गुजर रही स्वप्ना ने मुश्किल राह के बावजूद ओलिंपिक क्वालिफाइंग स्तर हासिल करने की उम्मीद जताई। उन्होंने कहा, 'यह मुश्किल है लेकिन मुझे भरोसा है। अंकों में सुधार के लिए अगले साल मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करूंगी।