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डिस्कस थ्रो में जगी ओलंपिक मेडल की उम्मीद, जानिए कैसे एथलेटिक्स में नई सनसनी बनी कमलप्रीत

Tokyo Olympics 2020: Kamalpreet Kaur qualifies for women's discus throw final | वनइंडिया हिंदी

टोक्यो: भारत की डिस्कस थ्रोअर कमलप्रीत कौर ने आज 31 जुलाई को अपनी कमाल की परफॉर्मेंस से सबको आश्चर्यचकित कर दिया है। वह भारत के एथलेटिक्स में अभी इतनी अनुभवी नाम नहीं है कि उनसे ओलंपिक में मेडल लेने की उम्मीद उस तरीके से की जा रही थी, जैसे कि भारत की पीवी सिंधु, मैरीकॉम, दीपिका कुमारी से की जा रही थी। लेकिन कमलप्रीत ने एथलेटिक्स के डिस्कस थ्रो क्वालिफिकेशन इवेंट में सबको चौंकाते हुए बता दिया की उनकी जबरदस्त प्रतिभा इसी ओलंपिक में कमाल दिखाने का पूरा दम रखती है।

डिस्कस थ्रो क्वालिफिकेशन मुकाबले में उनकी बेस्ट थ्रो 64 मीटर की थी जिसके चलते उनको फाइनल मुकाबले के लिए डायरेक्ट क्वालिफिकेशन मिल चुका है।

ट्रैक एंड फील्ड में जगी भारत की उम्मीदें-

ट्रैक एंड फील्ड में जगी भारत की उम्मीदें-

सच यह है कि वह फील्ड में मौजूद 31 एथलीटों में केवल उन दो एथलीटों में शामिल थी जिन्होंने डायरेक्ट क्वालीफिकेशन मार्क के लिए 64 मीटर को हासिल किया। अब फाइनल मुकाबला 2 अगस्त को खेला जाएगा और अगर कमलप्रीत यहां पर भी अपनी इसी फॉर्म को जारी रखती है तो यह ओलंपिक में भारत के लिए बहुत ही ज्यादा बड़ा दिन होगा।

ओलंपिक में इससे पहले कृष्णा पूनिया ने लंदन गेम्स 2012 में शानदार परफॉर्मेंस दी थी जहां पर उन्होंने 63.62 मीटर डिस्कस थ्रो फेंकते हुए छठे स्थान पर फिनिश किया था। तब से लेकर अब तक ओलंपिक इवेंट में ट्रैक एंड फील्ड में किसी भारतीय महिला ने कोई खास उपलब्धि दर्ज नहीं की है। वे ओलंपिक में 64 मीटर दर्ज करने वाली पहली भारतीय महिला हैं।

Tokyo 2020: कमलप्रीत कौर ने डिस्कस थ्रो में किया कमाल, डिफेंडिंग चैम्पियन को पछाड़कर फाइनल में पहुंचीं

कोच का कहना है- मेडल जीतने के हैं पूरे चांस

कोच का कहना है- मेडल जीतने के हैं पूरे चांस

द्रोणाचार्य अवार्ड विजेता एथलेटिक्स कोच वीरेंद्र पूनिया ने अपनी पत्नी कृष्णा पूनिया को भी ट्रेंड किया था और उनका मानना है कि कमलप्रीत के मेडल हासिल करने के चांस काफी ज्यादा है। उनका कहना है अगर अगर कमलप्रीत उस कारनामे को द्वारा पाती है जो उन्होंने भारत में किया था और 66.59 मीटर की दूरी को हासिल किया था, तो वह निश्चित तौर पर ओलंपिक में मेडल जीत जाएंगी।

उनका कहना है, "वह लगातार सुधार कर रही है। उन्होंने मार्च में 65.06 मीटर प्रो हासिल करके नेशनल रिकॉर्ड बनाया था और फिर वह रिकॉर्ड जून में तोड़ दिया जब उन्होंने 66.59 मीटर की दूरी हासिल की। यह एक बहुत ही उत्साहजनक संकेत है।" टाइम्स ऑफ इंडिया ने यहां वीरेंद्र पूनिया के हवाले से यह बात कही है।

केवल अनुभव की कमी से पार जाना होगा-

केवल अनुभव की कमी से पार जाना होगा-

पंजाब की यह लड़की ऐसी पहली भारतीय महिला डिस्कस थ्रोअर बन गई थी, जिसने फेडरेशन कप में 65 मीटर को हासिल किया था। उन्होंने यह रिकॉर्ड इंडियन ग्रैंड प्रिक्स 4, पटियाला में तोड़ दिया जब उन्होंने 66.59 मीटर की दूरी पर डिस्क फेंकी।

राजस्थान के एथलेटिक्स कोच ने हालांकि एक ऐसे बिंदु की ओर भी संकेत किया है जो कमलप्रीत कौर के लिए घातक साबित हो सकता है। उनका कहना है कि कमलप्रीत कौर अभी भी कम अनुभवी है और यह बात उनके पक्ष में नहीं है।

वे कहते हैं, "कुछ ही केस ऐसे होते हैं जो पिछला अनुभव नहीं रखने के बावजूद ओलंपिक में मेडल जीत पाते हैं। कमलप्रीत कौर के पास कॉमनवेल्थ गेम्स, एशियन गेम्स, ओलंपिक गेम्स इससे पहले खेलने का कोई अनुभव नहीं है और मुझे लगता है यही उनका माइनस पॉइंट है।"

Story first published: Saturday, July 31, 2021, 10:33 [IST]
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