नई दिल्ली। टोक्यो ओलिंपिक से भारत के लिए बड़ी खबर आई है। भारतीय गोल्फर दीक्षा डागर ओलंपिक में पदार्पण करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। युवा भारतीय गोल्फर ने 5 अगस्त से शुरू होने वाले टोक्यो ओलंपिक में महिला गोल्फ स्पर्धा में प्रवेश किया है। दीक्षा महिला गोल्फ टूर्नामेंट में अपनी हमवतन अदिति अशोक से भी भिड़ेंगी। साथ ही पुरुषों की गोल्फ स्पर्धा में, अनिर्बान लाहिड़ी और उदयन माने टोक्यो ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
कई गोल्फरों की रिजर्व लिस्ट में सिर्फ 20 साल की दीक्षा डागर का नाम था। हालांकि, कासुमीगासेकी कंट्री क्लब के लिए खेलने की उनकी संभावना कम थी। हालांकि, दक्षिण अफ्रीका के गोल्फर पाउला रेटो ने आखिरी समय में 2020 टोक्यो ओलंपिक से नाम वापस ले लिया। पाउला रेटो के लिए पहली राखी गोल्फर ऑस्ट्रिया की सारा शॉबर थीं, लेकिन उन्हें भी टूर्नामेंट में खेलने से मना कर दिया गया था। सारा के शॉबेर को ठुकराने के बाद ओलिंपिक के दरवाजे दीक्षा के लिए खुल गए। पाउला के बाद दूसरी खिलाड़ी दीक्षा थीं और उन्होंने यह मौका नहीं गंवाया। दीक्षा को सुनने में दिक्कत है, लेकिन वो टोक्यो में दम दिखाएंगी ।
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भारतीय गोल्फर दीक्षा उत्तरी आयरलैंड में आईएसपीए होंडा वर्ल्ड इनविटेशनल टूर्नामेंट में व्यस्त है। वह अभी तक टोक्यो के लिए नहीं निकली है। दीक्षा बाएं हाथ की गोल्फर हैं जो महिला यूरोपीय टूर (एलईटी) में खेलती हैं। उन्होंने लंदन में 2019 दक्षिण अफ्रीकी महिला ओपन और 2021 अरामको टीम सीरीज़ जीती हैं। भारतीय 2019 में एक पेशेवर गोल्फर बन गया और तब से गोल्फ में अपना नाम बना रहा है। दीक्षा ने 2017 के डिफ्लिम्पिक्स में कांस्य पदक जीता था। बाद में उन्होंने 2018 एशियाई खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया ।