बेटी रच रही थी इतिहास, पिता खेत में बिजी थे-
कमलप्रीत का जलवा इस तरह से कायम था कि केवल दो ही ऑटोमेटिक क्वालीफायर फाइनल राउंड के लिए प्रवेश कर पाईं, जिनमें कमलप्रीत भी एक थीं। टॉप पर अमेरिका की वेलारी ऑलमन रहीं जिन्होंने 66.42 मीटर की थ्रो की।
कुलदीप सिंह को अपनी बेटी पर गर्व है और उन्होंने इंडिया टुडे के साथ बात करते हुए बताया, "कमल ने मुझे कल ही अपने खेल की टाइमिंग के बारे में बता दिया था। मैंने इंतजार किया लेकिन ब्रॉडकास्टर कुछ अलग ही समय बता रहे थे। मैं ज्यादा इंतजार नहीं कर सका क्योंकि मुझे मेरे खेतों में भी कुछ काम करना था।
"जब मैं अपने खेतों में काम कर रहा था तो मुझे फोन कॉल और मैसेज आने शुरू हो गए और तब मैं अपने घर की ओर भागा, मैं अब इस मैच की हाईलाइट बाद में देखूंगा।"
डिस्कस थ्रो में जगी ओलंपिक मेडल की उम्मीद, जानिए कैसे एथलेटिक्स में नई सनसनी बनी कमलप्रीत
फाइनल मुकाबला किसी कीमत पर मिस नहीं करूंगा- कुलदीप सिंह
पंजाब के श्री मुक्तसर साहिब के बादल गांव की रहने वाली कमलप्रीत ने 60.29 मीटर के अटैम्पट से शुरुआत की और फिर 64 मीटर के अपने तीसरे थ्रो से पहले इसे 63.97 मीटर को हासिल किया। भारतीय एथलीट इसके साथ ही क्रोएशिया की सांद्रा पेर्कोविक (63.75 मीटर) और क्यूबा की मौजूदा विश्व चैंपियन याइमे पेरेज (63.18 मीटर) से आगे निकल गईं।
फाइनल मुकाबला 2 अगस्त को खेला जाएगा और उनके पिता कुलदीप का कहना है कि वह किसी भी कीमत पर इस इवेंट को मिस नहीं करने वाले हैं। उन्होंने जाते-जाते कहा- "मैं बिल्कुल भी इस इवेंट को मिस नहीं करूंगा, और उम्मीद करूंगा कि वह मेडल के साथ वापस लौटेगी।"
कमलप्रीत कौर इस समय शानदार फॉर्म में-
कमलप्रीत इस साल शानदार फॉर्म में हैं क्योंकि उन्होंने हाल ही में दो बार 65 मीटर का आंकड़ा पार किया है। उन्होंने मार्च में फेडरेशन कप के दौरान राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ने के लिए 65.06 मीटर फेंका और 65 मीटर के निशान को तोड़ने वाली पहली भारतीय बनीं।
फिर जून में, उसने भारतीय ग्रां प्री -4 के दौरान 66.59 मीटर के थ्रो के साथ अपने राष्ट्रीय रिकॉर्ड को बेहतर बनाया और दुनिया में छठे नंबर पर पहुंच गई। उन्होंने 2010 राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता कृष्णा पूनिया के 64.76 मीटर के नौ साल पुराने राष्ट्रीय रिकॉर्ड को तोड़ा। उसी थ्रो ने उन्हें ओलंपिक कोटा बुक करने में मदद की।
कमलप्रीत को रिकॉर्ड ब्रेक करने के लिए जाना जाता है। उन्होंने 2018 में इंटर रेलवे एथलेटिक्स मीट में शानदार प्रदर्शन किया था, जब उन्होंने कॉमनवेल्थ गेम की ब्रोंज मेडल लिस्ट नवजीत कौर ढिल्लों को हराते हुए गोल्ड मेडल जीत गया था। उसी इवेंट में उन्होंने कृष्णा पूनिया का 6 साल पुराना रेलवे रिकॉर्ड भी तोड़ा था।