भारत वापस लौटकर मनु ने कही ये बात-
इस दौरान मनु भाकर ने कई इवेंट में कंपीट किया पर उनको किसी में भी सफलता हासिल नहीं हुई और वह क्वालीफिकेशन राउंड से ही बाहर हो गईं। मनु भाकर एक नाकाम ओलंपिक के बाद वापस भारत लौट आई हैं और उन्होंने इस निराशाजनक प्रदर्शन से उभरने के बाद अगले ओलंपिक में बेहतर करने का वादा किया है।
लेकिन 19 साल की निशानेबाज ने यह भी साफ किया है अगर पूर्व कोच जसपाल राणा के साथ उनके मतभेद ना होते, तो उनकी तैयारियां कहीं बेहतर भी हो सकती थी। यह जसपाल राणा ही थे जिन्होंने मनु भाकर को 25 मीटर पिस्टल कंपटीशन से अपना नाम वापस लेने के लिए कहा था।
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25 मीटर पिस्टल इवेंट को जारी रखेंगी-
मनु भाकर 10 मीटर पिस्टल प्रतियोगिता में बहुत अच्छी शूटर मानी जाती हैं और साथ ही उन्होंने ओलंपिक में 25 मीटर पिस्टल इवेंट में भी देश का प्रतिनिधित्व किया था। मनु भाकर जब भारत आईं तो इंदिरा गांधी हवाई अड्डे पर पीटीआई से उनकी बात हुई, जहां उन्होंने बताया कि वह 25 मीटर कंपटीशन में शूटिंग करना जारी रखेंगी।
मनु भाकर यूथ ओलंपिक और कॉमनवेल्थ गेम में गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं और उनका मानना है कि वे हर कीमत पर मेडल जीतना चाहती थी और उनकी इस चाहत ने स्थिति को खराब ही किया। इसके अलावा पहले से ही कुछ नेगेटिविटी थी, तो जसपाल राणा के साथ विवाद भी था।
मनु भाकर ने बताई अपनी समस्याएं-
मनु भाकर कहती है कि उनसे बार-बार 25 मीटर कंपटीशन में नाम वापस लेने के लिए कहा गया क्योंकि उनको यही एहसास दिलाया गया कि उनका लेवल इस कंपटीशन के लिए उतना अच्छा नहीं है। बता दे मनु ने म्यूनिख में आईएसएसएफ वर्ल्ड कप के दौरान टोक्यो ओलंपिक का यह कोटा हासिल किया था। पीटीआई से बात करते हुए उन्होंने कहा, "हां नेगेटिविटी थी क्योंकि मेरे पेरेंट्स को भी इस पूरे मामले में घसीट ने के लिए मजबूर कर दिया गया। नेगेटिविटी के चलते ही मुझसे पूछा गया कि मैं भोपाल में ट्रेनिंग और ट्रायल्स के दौरान अपने पेरेंट्स के साथ क्यों हूं?"
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जसपाल राणा के साथ बड़ा विवाद रहा-
इसके अलावा पूर्व कोच जसपाल राना ने कुछ तकनीकी समस्याओं का भी समाधान नहीं किया। भारत के पूर्व शूटर रह चुके जसपाल राणा का एक मामला बड़ा चर्चित हुआ था जब वे अपनी सफेद टीशर्ट के पीछे 'अब तो मिल गई तसल्ली' नामक संदेश लिखकर करणी सिंह शूटिंग परिसर में पहुंच गए थे और इसके बाद भारतीय शूटिंग राइफल संघ को इंटरफेयर करने के लिए मजबूर होना पड़ा था।
मनु भाकर ने यह भी क्लियर कर दिया है कि उन्होंने जसपाल राणा को दिल्ली में आईएसएसएफ वर्ल्ड कप के दौरान किसी तरह का कोई मैसेज नहीं भेजा था। यह बात मार्च की है और यह मनु भाकर की मां थी जिन्होंने अपनी बेटी के प्रति चिंता जताते हुए राणा को वह मैसेज लिखा था। मनु भाकर और राणा के बीच में समस्याएं बढ़ चुकी थी और इसको देखते हुए इंडियन नेशनल राइफल एसोसिएशन को जो भी यथासंभव समाधान था, वह निकालना पड़ा और भारत के पूर्व शूटर रौनक पंडित को मनु भाकर का कोच नियुक्त कर दिया गया।
अगले ओलंपिक के लिए बड़ा वायदा-
इस बारे में बात करते हुए मनु भाकर कहती हैं, "नेशनल राइफल एसोसिएशन ने इस समस्या का समाधान करने की अपनी ओर से पूरी कोशिश की और हमें विश्वास में भी लिया।"
खैर भारत के लिए बहुत निराशाजनक ओलंपिक अभियान शूटिंग में समाप्त हो चुका है लेकिन मनु भाकर को टोक्यो 2020 से काफी अनुभव भी हासिल हुआ है जिससे वे आगे सीखेंगे और पेरिस ओलंपिक में गोल्ड मेडल की फिर से प्रबल दावेदार होंगी। इस बारे में बात करते हुए वे कहती हैं, "हां बिल्कुल मुझे काफी एक्सपीरियंस मिला है और मैं भविष्य की तैयारी में अपने आप में सुधार करने के लिए इसका इस्तेमाल करूंगी। मैं अभी युवा हूं और मेरे सामने लंबा करियर पड़ा है। हालांकि इस बार भी मैंने बहुत कोशिश की थी।"