मसल्स साइज और ताकत बढ़ाने का नया तरीका-
आपकी मांस के साइज को बढ़ाने के लिए यह बैंड कुछ तरीकों पर काम करता है। जब आप इस बैंड का उपयोग करते हैं, तो आप वेन्स (Veins) में रक्त प्रवाह (Blood Flow) को रोकते हैं और धमनी प्रवाह (Artery Flow) को लगभग 50% तक बनाए रखते हैं। वास्तव में आप जो कर रहे हैं वह मांसपेशियों को ऑक्सीजन की आपूर्ति को कम कर रहा है, जिससे मसल्स में मेटाबोलिजम स्ट्रैस बढ़ जाता है और मसल्स बढ़ाने का तरीका ये कि इनको अधिकतम स्ट्रेस दो, फिर रिकवरी पीरियड में चलो जाओ। नतीजतन इस बैंड से हल्की कसरत के दम पर भी मसल्स में ताकत और साइज बढ़ जाता है।
उदाहरण के लिए अगर कोई व्यक्ति सामान्य रक्त प्रवाह के साथ 50 किलो बेंच प्रेस कर सकता है, वह इस बैंड का उपयोग करके 10% भार के साथ भी मांसपेशियों पर समान तनाव उत्पन्न कर सकता है।
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सामान्य स्थिति में भारी वजन उठाने से जोड़ों पर पड़ता है लोड-
इसके बैंड का उपयोग नया नहीं है। विशेषज्ञ बताते हैं कि बीएफआरटी कभी-कभी सर्जरी के बाद ठीक होने वाले लोगों के साथ-साथ घुटनों की पुरानी ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसी बीमारी में भी यूज किया जाता है क्योंकि हल्के वजन और अधिक रिपीटिशन से भी वही रिजल्ट मिल जाते हैं जो भारी कसरत से मिलते। एलीट एथलीट अपने जोड़ों पर तनाव को कम करने के लिए उसी कारण से इसका इस्तेमाल करते हैं।
यह एक सच है कि जब आप अपनी मांसपेशियों को बढ़ाने के लिए शरीर पर अत्यधिक तनाव डालते हो तो आपको जोड़े पर लोड पड़ता जाता है और यह लगातार पड़ता जाता है तो धीरे-धीरे जोड़ खराब होने लगते हैं। ये प्रक्रिया धीमे होती है।
स्पेशलिस्ट की निगरानी में यूज होता है ये बैंड-
वैसे यह भी जानकारी दी गई है कि बीएफआरटी जिम में नहीं किया जा सकता है। इसे एक खेल विज्ञान पेशेवर के अंडर में करने की आवश्यकता है क्योंकि इसमें खून की नलियों के काम करने के तरीके से छेड़छाड़ की जाती है। अगर गलत तरीके से या उचित निगरानी के बिना ये किया जाता है तो यह नसों को डैमेज कर सकता है। इसलिए यह एक चिकित्सक की देखरेख में किया जाना है
BFRT को जापानी पूर्व पावर लिफ्टर योशियाकी सातो ने विकसित किया था। टोक्यो 2020 में, टूर्निकेट्स पहने कुछ एथलीटों में अमेरिकी तैराक माइकल एंड्रयू और लंबी दूरी के धावक गैलेन रूप्प शामिल हैं।